
एयर-बबल समझौते के एक हिस्से के रूप में भारत और बांग्लादेश के बीच फ्लाइट सर्विस कोविड-19 महामारी के कारण चार महीने के निलंबन के बाद फिर से शुरू होने के लिए तैयार है. नागरिक उड्डयन मंत्रालय (MoCA) ने बताया कि फ्लाइन का संचालन 3 सितंबर 2021 से फिर से शुरू किया जाएगा. साथ ही कहा कि एयर बबल को 3 सितंबर से शेड्यूल किए गए अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों के फिर से शुरू होने तक फिर से शुरू किया जा सकता है.
फ्लाइट सर्विस को शुरू करने की घोषणा करने से पहले भारत सरकार ने सीमित यात्रियों और सख्त स्वास्थ्य प्रोटोकॉल वाली उड़ानों के लिए कई प्रतिबंध लगाए हैं. बांग्लादेश से भारत की यात्रा करने वाले यात्रियों को अनिवार्य रूप से संबंधित भारतीय हवाई अड्डों (प्रवेश के बंदरगाह) पर आगमन पर खुद के खर्चे पर टेस्ट कराना होगा.
नागरिक उड्डयन मंत्रालय ने कहा कि किसी भी देश के विमान के लिए एयर बबल के तहत उड़ानें हर हफ्ते सात फ्रीक्वेंसी के साथ शुरू होंगी. हालांकि टूरिस्ट वीजा रखने वाले यात्रियों को भारत की यात्रा करने की अनुमति नहीं होगी. टूरिस्ट वीजा रखने वाले यात्रियों को आज की तारीख में भारत में प्रवेश करने की अनुमति नहीं है.
क्या है एयर बबल समझौता
एयर बबल समझौता एक द्विपक्षीय समझौता है जो रेगुलर इंटरनेशनल फ्लाइट सेवा बंद होने पर कमर्शियल पैसेंजर सर्विस को दोबारा शुरू करने के लिए दो देशों के बीच किया जाता है. इस समझौते के तहत दोनों देश एक-दूसरे की सीमा में कुछ पाबंदियों या शर्तों के साथ विशेष अंतरराष्ट्रीय यात्री उड़ानों का संचालन कर सकते हैं.
एयर बबल समझौते का मकसद कोरोना के चलते दूसरे देशों में फंसे नागरिकों की सुरक्षित वतन वापसी करवाना है. जैसे कि ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत वीजा और पढ़ाई के कारण विदेशों में फंसे नागरिकों को स्पेशल उड़ानों से भारत लाया गया था. इस समझौते के तहत दोनों देशों के फंसे हुए नागरिकों और कुछ जरूरी कैटेगरी के यात्रियों को यात्रा करने की अनुमति होती है.
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