
भारतीय जेलों में बंद दो पाकिस्तानी नागरिकों को शनिवार को अटारी सीमा के रास्ते जेल की सजा पूरी होने के बाद स्वदेश भेज दिया गया. दोनों में से एक किशोर है, जो दो साल पहले अनजाने में राजस्थान से भारतीय सीमा (Indian Border) पार कर गया था. अटारी सीमा के प्रोटोकॉल अधिकारी अरुणपाल सिंह ने कहा कि ये पाकिस्तानी नागरिक 42 साल के अब्बास अली खान और 17 साल के भाग चंद हैं.
सिंह ने ANI को बताया, “2005 में, अब्बास अली खान (Abbas Ali Khan), जो पाकिस्तान में रहीम यार खान (Rahim yaar khan) से है, एक महीने के वीजा पर समझौता एक्सप्रेस में दिल्ली आया था. बाद में, वह ग्वालियर चला गया और उस समय तक वीजा की वैधता समाप्त हो गई थी. जिसके बाद ग्वालियर पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया और 16 साल के लिए ग्वालियर सेंट्रल जेल में डाल दिया.” सिंह ने आगे कहा कि भाग चंद ने अनजाने में राजस्थान में सीमा पार कर ली थी और दो साल की जेल की सजा पूरी की थी.
तारबंदी पार कर भारतीय सीमा में आया था
मिली जानकारी के अनुसार भागचंज पाकिस्तान में अमरकोट जिले के धोरोनारो का निवासी था और साल 2019 में बाड़मेर जिले से लगी अंतरराष्ट्रीय सीमा की मुनाबाव चौकी के पास तारबंदी पार कर भारतीय सीमा में आया था. वहीं पकड़े जाने पर BSF अधिकारियों ने पूछताछ की तो उसने बताया कि वह यहां गलती से प्रवेश कर गया था. वहीं इस बात की पुष्टी करने के लिए अधिकारियों ने जांच किया और पता चला की भागचंड की बात सही है.
अमरकोट में मजदूरी करता था
पूछताछ के दौरान 17 साल के भागचंद ने बताया कि वह अमरकोट में मजदूरी करता था. एक दिन काम के दौरान उसके किसी साथी ने भारतीय सीमा की तरफ इशारा करते हुए कहा कि उधर चले जाओ, वहां मजदूरी मिल जाएगी. अपने दोस्त की सलाह मानते हुए भागचंद ने तारबंदी को पार करते हुए भारतीय सीमा में प्रवेश कर गया. वहीं अधिकारियो ने बताया कि पकड़े जाने के दौरान उसके पास से 30 रुपये की पाकिस्तानी करेंसी भी मिली थी. बीएसएफ और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उस समय उसे किशोर संप्रेषण गृह में रहने के लिए भेजा था.
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