
पिछले साल जून में लद्दाख में चीनी सैनिकों के साथ गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के दौरान हुई खूनी संघर्ष में देश के 20 जवान शहीद हो गए थे. देश ने आज मंगलवार को इन शहीदों में से कर्नल संतोष बाबू समेत नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन, हवलदार के पिलानी, नायक दीपक सिंह और सिपाही गुरतेज सिंह को भी सम्मानित किया गया.
कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से नवाजा गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने आज कर्नल संतोष की मां और पत्नी को पुरस्कार से नवाजा. ऑपरेशन स्नो लेपर्ड का हिस्सा रहे नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन (16 बिहार), हवलदार के पिलानी (81 फील्ड रेजीमेंट), नायक दीपक सिंह (आर्मी मेडिकल कोर-16 बिहार) और सिपाही गुरतेज सिंह (3 पंजाब) को भी वीर चक्र से सम्मानित किया गया. आइए, जानते हैं कि इन वीर शहीदों की उन गाथाओं की जिनकी वजह से देश आज भी उन्हें नमन कर रहा है.
कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र
कर्नल संतोष बाबू मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है. महावीर चक्र भारत का दूसरा सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार है. कर्नल संतोष 16 बिहार रेजिमेंट के कमांडिंग ऑफिसर थे. कर्नल को वहां पर कमांडिंग ऑफिसर (सीओ) के तौर पर ऑबर्जेवेशन-पोस्ट स्थापित करने की जिम्मेदारी दी गई थी.
भारतीय सेना की ओर से जारी प्रशस्ति पत्र के अनुसार, दुश्मन के खिलाफ विशिष्ट-बहादुरी, अनुकरणीय और साहसिक नेतृत्व समेत कर्तव्य पथ पर सर्वोच्च बलिदान के लिए कर्नल संतोष बाबू को मरणोपरांत महावीर चक्र से सम्मानित किया गया है.
14-15 जून की आधी रात खूनी संघर्ष शुरू होने से पहले कर्नल संतोष बाबू ने चीनी सेना के साथ शांति स्थापित करने को लेकर कई दौर की बातचीत की थी. लेकिन उनकी कोशिश कामयाब नहीं हो सकी. इसी बीच चीनी सैनिकों की ओर से उनके साथ हाथापाई की गई, जिसके बाद भारतीय सैनिकों ने भी मुंहतोड़ जवाब दिया. इस संघर्ष के बाद दोनों तरफ से हिंसा शुरू हो गई. दोनों पक्षों की ओर से पत्थर और लाठी-डंडे तक चले. कई घंटे तक चले संघर्ष के बाद कर्नल संतोष बाबू समेत 20 जवान शहीद हो गए.
नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन
पिछले साल जून में गलवान घाटी में ऑपरेशन स्नो लेपर्ड में नायब सूबेदार नूडूराम सोरेन को चीनी सेना की ओर से किए गए शातिर हमले के खिलाफ उनकी वीरतापूर्ण और साहसिक कार्रवाई के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनकी पत्नी को पुरस्कार दिया.
हवलदार के. पलानी
ऑपरेशन स्नो लेपर्ड के अंतर्गत गलवान घाटी में चीनी सेना की ओर से अचानक हुए हमले में शहीद होने वाले हवलदार के. पलानी को उनकी अदम्य साहस के लिए मरणोपरांत वीर चक्र से सम्मानित किया गया. हवलदार के. पलानी की विधवा ने वीर चक्र पुरस्कार हासिल किया.
नायक दीपक कुमार सिंह
भारतीय सेना की ओर से जारी प्रशस्ति-पत्र के अनुसार, नायक दीपक सिंह आर्मी मेडिकल कोर (एएमसी) से ताल्लुक रखते थे और वह ऑपरेशन स्नो-लैपर्ड के दौरान 16 बिहार रेजीमेंट के साथ तैनात थे. 15 जून की आधी रात को गलवान में चीनी सैनिकों के साथ हुई झड़प में दीपक सिंह भी गंभीर रूप से घायल हो गए थे, लेकिन घायल होने के बावजूद उन्होंने घायल कई सैनिकों का उपचार किया और फिर उन्होंने शहादत हासिल कर ली. अनुकरणीय साहस और कार्य के लिए उन्हें वीर चक्र से नवाजा गया.
सिपाही गुरतेज सिंह
गलवान घाटी में संघर्ष के दौरान शहीद हुए सिपाही गुरतेज सिंह को भी वीर चक्र से नवाजा गया. भारतीय सेना की ओर से जारी प्रशस्ति पत्र में सिपाही गुरतेज सिंह के बारे में कहा गया है कि दुश्मन सेना की सैनिकों की तादाद अधिक होने और घातक हथियारों से लैस होने के बावजूद गुरतेज सिंह ने अदम्य वीरता, जबरदस्त साहस और असाधारण युद्ध-कौशल के जरिए हैंड टू हैंड कॉम्बेट यानी हाथ की लड़ाई में दुश्मनों के छक्के छुड़ा दिए. जान की परवाह किए बगैर गुरतेज सिंह ने कई चीनी सैनिकों पर जमकर हमला बोला और उनकी गर्दन को तोड़ डाला था. इसी संघर्ष के दौरान वह घायल हो गए, हालांकि घायलावस्था में भी उन्होंने अपने कई साथियों को सुरक्षित जगह पर पहुंचाया, लेकिन इस वजह से उनकी हालत खराब हो गई और देश के लिए रणभूमि में जान न्योछावर कर दी.
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