
BJP ने रविवार को मांग की कि केरल सरकार राज्य भर के भोजनालयों में हलाल भोजन और हलाल बोर्ड्स पर प्रतिबंध लगाए. BJP की ये मांग सोशल मीडिया पर उन दावों के बाद आई है, जिसमें कहा जा रहा है कि मुस्लिम पादरी भोजन को हलाल बनाने के लिए उस पर थूकेंगे. पिछले हफ्ते, VHP के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष एस जे आर कुमार ने हाईकोर्ट का रुख किया था. उनका आरोप था कि सबरीमाला मंदिर में प्रसादम तैयार करने के लिए हलाल-प्रमाणित गुड़ का इस्तेमाल किया गया था.
रविवार को बीजेपी के प्रदेश महासचिव पी सुधीर ने मीडिया को संबोधित करते हुए दावा किया कि हलाल तीन तलाक की तरह एक “सामाजिक बुराई” है. BJP यह नहीं मानती है कि हलाल एक धार्मिक प्रथा है और यह नहीं सोचती कि इस्लामी विद्वान भी इसका समर्थन करेंगे. पी सुधीर ने आगे कहा कि हलाल को धार्मिक रूप देकर चरमपंथी संगठन केरल के समाज में सांप्रदायिक एजेंडा लागू करने की कोशिश कर रहे हैं.
हलाल संस्कृति स्पष्ट एजेंडे पर आधारित
राज्य में हलाल बोर्डों में अचानक उछाल आने का दावा करते हुए सुधीर ने कहा, अगर यह धर्म की ओर से किया जा रहा है तो विद्वानों को इसे सुधारने के लिए तैयार रहना चाहिए. सुधीर का समर्थन करते हुए, BJP के प्रदेश अध्यक्ष के सुरेंद्रन ने कोझीकोड में कहा कि केरल में “हलाल” न तो आकस्मिक है और न ही निर्दोष है. हलाल संस्कृति फैलाने के पीछे एक स्पष्ट एजेंडा है. हलाल संस्कृति को बढ़ावा देने के पीछे कुछ धार्मिक चरमपंथी हैं. वे ताकतें केरल के लोगों को बांटना चाहती हैं और समाज में तनाव पैदा करना चाहती हैं.
पीसी जॉर्ज ने कहा ये
क्षेत्रीय ईसाई पार्टी केरल कांग्रेस (एम) के पूर्व नेता पीसी जॉर्ज भी इस मुद्दे में शामिल हुए. पूर्व विधायक जॉर्ज ने रविवार को दावा किया कि हलाल भोजन धार्मिक कट्टरवाद का हिस्सा है. उन्होंने कहा कि मुसलमानों के लिए भोजन पर थूकना अनिवार्य है. आटा गूंथते समय वे उस पर तीन बार थूकते थे. सबरीमाला में प्रसादम को हलाल के रूप में इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए.
ये भी पढ़ें- कर्नाटक: CM बसवराज बोम्मई ने भारी बारिश से हुए नुकसान पर की बैठक, 24 लोगों की मौत, मुआवजे का हुआ ऐलान