
दिल्ली-NCR में वायु प्रदूषण के हालात पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई शुरू हो गई है. केंद्र सरकार कि ओर से सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने प्रदूषण पर उठाए गए कदमों को बताना शुरू किया. इस दौरान सीजेआई ने एसजी से कहा कि आप ऐसा प्रोजैक्शन कर रहे हैं कि पूरे प्रदूषण के लिए किसान जिम्मेदार है.जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से सवाल पूछा कि पराली और कचरा प्रबंधन कि मशीने इतनी महंगी है कि किसाने उन्हें खरीद नहीं सकते. केंद्र और राज्य यह मशीने क्यों नहीं मुहैया कराते हैं. जिसके जवाब में एसजी ने कहा कि मशीनों पर सब्सिडी दी जाती है और इतनी महंगी नहीं है.
SG तुषार मेहता ने आगे बताया कि डिटेल हल्फ़नामा दाखिल कर दिया है. उन्होंने कोर्ट में कहा, हम यह नहीं कह रहे हैं प्रदूषण के लिए सिर्फ किसान ज़िम्मेदार हैं, लेकिन पराली से 30-40 प्रतिशत प्रदूषण होता है. मशीने गरीब किसानों को निशुल्क दी जाती हैं और शेष को सब्सिडी रेट पर दी जाती है.
जिसके बाद जस्टिस सूर्यकांत ने केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, आखिर किसानों से आप पराली लेकर उनका प्रबंधन क्यों नहीं करते हैं. जिसके जवाब में एसजी ने कहा कि पराली प्रबंधन के लिए सख्त निर्देश दिए गए हैं.जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि मैं एक किसान हूं और सीजेआई भी एक किसान हैं. इसलिए हकीकत जानते हैं. वहीं जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने भी केंद्र सरकार से सवाल पूछते हुए कहा, पंजाब, हरियाणा में किसानों को मशीने मुहैया कराने के लिए कुल कितना खर्च आएगा. हमें ये बताएं. कोर्ट ने पूछा कि हरियाणा में खरीफ सीजन में आप कितने प्रतिशत पराली का प्रबंधन करते हैं.
जिसके जवाब में SJ ने कहा कि हरियाणा, पंजाब और यूपी में कस्टम हायरिंग सेंटर (मशीनों को किराए पर देने के केंद्र) खोले गए हैं, जहां पराली प्रबंधन के लिए किसानों को सस्ते किराए पर मशीने मिलती हैं.कोर्ट ने पूछा कि पराली किसानों से लेकर प्रबंधन कि आपकी ओर से क्या व्यवस्था की गई है.
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