
मिजोरम सरकार ने त्योहारों के मौसम में पटाखों, आकाशीय लालटेन और आतिशबाजी बनाने की अन्य सामग्री पर प्रतिबंध लगा दिया है. शनिवार को एक अधिकारी ने कहा कि राज्य सरकार ने क्रिसमस और नए साल के दौरान टॉय गन की बिक्री और रखने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है, जिसमें गोलियां होती हैं. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार नागरिक संस्थाओं और स्थानीय और ग्राम परिषदों के साथ मिलकर प्रतिबंध को सुनिश्चित करने के लिए आक्रामक तरीके से प्रयास करेगी.
आइजोल के पुलिस अधीक्षक सी लालरुआइआ ने कहा कि राज्य पुलिस द्वारा गठित एक विशेष टीम जिले में दुकानों और गोदामों की नियमित जांच कर रही है. उन्होंने लोगों से प्रदूषण मुक्त त्योहारों का आनंद लेने के लिए पटाखे, आकाशीय लालटेन और अन्य आतिशबाजी सामग्री के प्रयोग से बेचने और उन्हें खरीदने से परहेज करने का आग्रह किया.
दिवाली से पहले दिल्ली, पंजाब और महाराष्ट्र सहित कई अन्य राज्यों ने भी पटाखों पर प्रतिबंध की घोषणा की थी. इसके बावजूद दिवाली के अवसर पर प्रतिबंध के बावजूद हुई आतिशबाजी के चलते पिछले कुछ दिनों में दिल्ली-एनसीआर में वायु प्रदूषण की स्थिति काफी खराब हो गई है. वायु प्रदूषण की वजह से लोगों में दम फूलने, आंखों में जलन होने, दमा और टीबी के मरीजों की हालत बिगड़ने जैसी शिकायतें सामने आई हैं. सबसे ज्यादा असर छोटे बच्चों और बुजुर्गों पर देखने को मिल रहा है.
सुप्रीम कोर्ट ने पटाखों की बिक्री को लेकर जताई थी नाराजगी
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों की बिक्री और इस्तेमाल पर सख्त नाराजगी जताई थी और कहा था कि सभी राज्यों को प्रतिबंधित पटाखों पर लगी पाबंदी को लागू करना होगा. दिवाली से पहले एक मामले पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने साफ किया था कि पटाखों पर उसके द्वारा रोक लगाना किसी समुदाय या किसी समूह विशेष के खिलाफ नहीं है.
कोर्ट ने कहा था कि 2018 में उच्चतम न्यायालय ने प्रदूषण फैलाने वाले पटाखों पर पाबंदी लगा दी थी, इसके बावजूद राज्य सरकारों ने आदेश को ठीक से लागू नहीं किया. कोर्ट ने फटकार लगाते हुए कहा हमारे देश में कानून लागू कराने वाली एजेंसियां कैसी हैं, सब जानते हैं. कोर्ट ने वायु प्रदूषण को रोकने के लिए देशभर में पटाखों के निर्माण और बिक्री पर रोक लगाने के लिए दायर याचिका पर यह फैसला सुनाया था.