
दिल्ली और एनसीआर (Delhi & NCR) के पॉल्यूशन को लेकर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हुई तमाम बहसों और फटकार के बावजूद हवा में बहुत मामूली सुधार हुआ है. सरकारें इंतजार कर रही हैं कि दो दिन में जब तेज हवा चलेगी तो ये हवा भी साफ हो जाएगी, लेकिन ये एक साल की बात नहीं है. दिल्ली-एनसीआर की ये दमघोंटू हवा हर पल और हर क्षण इंसान की सेहत पर भारी पड़ रही है, लेकिन आपने शायद ही सोचा होगा कि ये धुंध आपकी जेब पर डाका भी डाल रही है.
दिल्ली-एनसीआर के पॉल्यूशन (Delhi-NCR Pollution) ने इंडस्ट्री, सर्विस सेक्टर और टूरिज्म की भी कमर तोड़ दी है. प्रदूषण एक ऐसा जहर है, जिसका सीधा असर नहीं दिखता है. ये दिल्ली की जहरीली हवा ही है, जिसके तांडव का असर पूरी इकोनॉमी पर दिख रहा है. ग्रीनपीस और ग्लोबल कैम्पेनिंग ग्रुप की एक ताजा रिपोर्ट बता रही है कि दिल्ली में 2020 में वायु प्रदूषण से 60 हजार करोड़ रुपए का आर्थिक नुकसान हुआ. यानी रिपोर्ट की मानें तो देश के साथ-साथ जब पूरी दिल्ली लॉकडाउन में थी, कोरोना की दूसरा लहर झेल रही थी, लोग घरों में कैद थे और आसमान अपेक्षाकृत साफ था, तब प्रदूषण ने ही दिल्ली को साठ हजार करोड़ रुपए की चपत लगा दी.
पॉल्यूशन ने बड़ी आर्थिक चपत लगाई
पॉल्यूशन ने इतनी बड़ी आर्थिक चपत लगाई जो दिल्ली सरकार के एक साल के बजट के बराबर है, लेकिन रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि अगर साल दर साल हवा में जहर यूं ही बरकरार रहा तो तबाही आगे भी जारी रहेगी. उद्योग पूरी तरह चौपट हो जाएंगे और लोग पलायन के लिए मजबूर हो जाएंगे. एसोसिएटेड चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्री ने आगाह किया है कि शहर में बिगड़ता वायु प्रदूषण शहर के उद्योगों पर गहरा प्रभाव छोड़ रहा है.
प्रदूषण की वजह से दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं लोग
प्रदूषण की वजह से लोग दूसरे शहरों का रुख कर रहे हैं. CII-डालबर्ग-ब्लू स्काई की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के 40 फीसदी लोग राजधानी छोड़ देने को तैयार हैं. इसमें उद्योगपति, व्यापारी और आम लोग भी शामिल हैं. दिल्ली में प्रदूषण का सबसे बुरा असर टूरिज्म पर पड़ा है. प्रदूषण की वजह से दिल्ली आने वाले सैलानियों में ढाई करोड़ की कमी आई है. 35-50 उम्र के ज्यादातर पर्यटकों ने आना बंद कर दिया है.
दिल्ली में करीब 40 फीसदी पर्यटन घटा
एक अनुमान के मुताबिक दिल्ली में करीब 40 फीसदी पर्यटन घटा है, जिससे छोटे कलाकार, व्यापारी, टैक्सी, रेस्टोरेंट वाले की कमाई आधी से भी कम रह गई है. दावे चौंकाने वाले हैं, लेकिन क्या इसका जमीनी असर भी कुछ दिखता है. ये समझने के लिए हमारी टीम दिल्ली के जनपथ मार्केट पहुंची. पर्यटकों से भरा रहने वाला ये मार्केट अब खाली नजर आता है. प्रदूषण ने जनपथ की रौनक छीन ली है तो दुकानदारों की मुश्किलें भी बढ़ गई हैं. सिर्फ जनपथ की दुकानों में 50-60 फीसदी तक व्यापार कम हो गया है. दिल्ली की जहरीली हवा लोगों की सांसों में जहर घोल रही है तो कारोबारियों का भी दम घोंट रही है. कोरोना की वजह से अतंराष्ट्रीय पर्यटन पहले से बंद था, अब घरेलू पर्यटकों ने भी प्रदूषण के चलते दिल्ली से दूरी बना ली है और लोग पहाड़ों के साथ ही दूसरे राज्यों का रुख कर रहे हैं.
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