
पंजाब कांग्रेस अध्यक्ष नवजोत सिंह सिद्धू (Navjot Singh Sidhu) ने रविवार को आरोप लगाया कि तीन “काले” कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की घोषणा के बावजूद केंद्र सरकार न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी, गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा, सरकारी खरीदारी और सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) को समाप्त करने की “कुटिल” साजिश जारी रखेगी. सिद्धू ने केंद्र सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि फसलों के लिए एमएसपी की गारंटी देने वाला कानून बनाने को लेकर सरकार ने अभी तक कुछ नहीं कहा है.
सिद्धू ने ट्वीट किया, ‘‘आज, हम केंद्र के तीन काले कानूनों के खिलाफ हमारी जीत की खुशी मना रहे हैं… हमारा असल काम अब शुरू हुआ है. केंद्र सरकार की कृषि कानूनों के बिना एमएसपी को समाप्त करने, गरीबों के लिए खाद्य सुरक्षा समाप्त करने, सरकारी खरीदारी समाप्त करने और पीडीएस को समाप्त करने की कुटिल साजिश जारी रहेगी. यह योजना अब गोपनीय होगी और अधिक खतरनाक होगी.’’
कांग्रेस नेता ने एक और ट्वीट में लिखा, “खरीद, भंडारण और खुदरा क्षेत्र को निजी पूंजीपतियों के हाथों में सौंपने की केंद्र सरकार की योजना अब भी जारी है… एमएसपी विधेयक को लेकर केंद्र ने कुछ नहीं कहा है. हम जून 2020 की स्थिति में वापस लौट आए हैं. छोटे किसानों को कॉरपोरेट अधिग्रहण से बचाने के लिए पंजाब सरकार के समर्थन की जरूरत है- पंजाब मॉडल ही एकमात्र रास्ता है.”
Today, As we rejoice in our victory against Centre’s three Black Laws… Our real work has just begun, Centre’s sinister plan to end MSP, end Food Security for the Poor, end Govt procurement & end PDS will continue without the farm laws, it will be now hidden & more dangerous 1/2
— Navjot Singh Sidhu (@sherryontopp) November 21, 2021
इससे पहले, सिद्धू ने शुक्रवार को तीन कृषि कानूनों को निरस्त किए जाने की घोषणा को “सही दिशा में उठाया गया कदम” करार दिया था. उन्होंने साथ ही कहा था कि एमएसपी कृषि कानूनों से कहीं बड़ा मुद्दा है, यह भारतीय किसानों की जीवनरेखा है. उन्होंने कहा था कि अगर केंद्र सरकार किसानों की आय दोगुनी करने का वादा पूरा करना चाहती है तो उसे स्वामीनाथन आयोग की रिपोर्ट का सी-2 फॉर्मूला स्वीकार करना होगा.
एमएसपी को प्रभावी बनाने के लिए कमिटी का गठन होगा- पीएम
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीते शुक्रवार को घोषणा की थी कि सरकार ने तीन विवादास्पद कृषि कानूनों को निरस्त करने का फैसला किया है और संसद के आगामी सत्र में इसे संवैधानिक तरीके से खत्म किया जाएगा. साथ ही प्रधानमंत्री ने कहा था, ‘‘एमएसपी को और अधिक प्रभावी और पारदर्शी बनाने के लिए, ऐसे सभी विषयों पर, भविष्य को ध्यान में रखते हुए, निर्णय लेने के लिए, एक कमेटी का गठन किया जाएगा. इस कमेटी में केंद्र सरकार, राज्य सरकारों के प्रतिनिधि होंगे, किसान होंगे, कृषि वैज्ञानिक होंगे, कृषि अर्थशास्त्री होंगे. ’’
किसान उपज व्यापार एवं वाणिज्य (संवर्धन एवं सुविधा) विधेयक, 2020, किसानों (सशक्तीकरण एवं संरक्षण) का मूल्य आश्वासन अनुबंध एवं कृषि सेवाएं विधेयक, 2020 और आवश्यक वस्तु (संशोधन) विधेयक, 2020 के खिलाफ कई किसान पिछले साल नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
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