केंद्रीय महिला एवं बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी (Women and Child Development Minister Smriti Irani) ने राज्यसभा (Rajya Sabha) में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा कि योजना के तहत सहायता के लिए प्राप्त कुल 6,624 आवेदनों में से 3,855 को मंजूरी दी गई है. ईरानी द्वारा साझा किए गए आंकड़ों के मुताबिक, सबसे अधिक 1158 आवेदन महाराष्ट्र से प्राप्त हुए, इसके बाद उत्तर प्रदेश में 768, मध्य प्रदेश में 739, तमिलनाडु में 496 और आंध्र प्रदेश में 479 आवेदन आए. इन बच्चों को ‘पीएम-केयर्स फॉर चिल्ड्रन’ योजना के तहत मदद की जाएगी.
उन्होंने कहा कि मंत्रालय बाल संरक्षण सेवा (सीपीएस) योजना लागू कर रहा है, जिसके तहत देखभाल की जरूरत और कठिन परिस्थितियों में बच्चों के लिए सेवाएं देने के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों की सरकारों को सहायता प्रदान की जाएगी. सीपीएस योजना के तहत स्थापित बाल देखभाल संस्थान (सीसीआई) अन्य चीजों के साथ-साथ आयु-उपयुक्त शिक्षा, व्यावसायिक प्रशिक्षण तक पहुंच, मनोरंजन, स्वास्थ्य देखभाल आदि का परामर्श करता है. योजना के दिशा-निर्देशों के मुताबिक, देखभाल और सुरक्षा की आवश्यकता वाले बच्चों की गैर-संस्थागत देखभाल के लिए प्रति बच्चा प्रति माह 2,000 रुपये का प्रावधान है. वहीं, चाइल्ड केयर इंस्टीट्यूशन में रहने वाले बच्चों के लिए प्रति बच्चा प्रति माह 2,160 रुपये के रखरखाव अनुदान का प्रावधान है.
पिछले साल पीएम मोदी ने किया ऐलान
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल पीएम केयर्स फॉर चिल्ड्रन स्कीम के तहत ऐसे बच्चों को 2 हजार रुपए की सहायता राशि के साथ पढ़ाई-लिखाई और मेडिकल इंश्योरेंस की सुविधा देने का ऐलान किया था. उन्होंने कहा था कि कोरोना के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों को 18 साल की उम्र तक मासिक भत्ता (स्टाइपेंड) मिलेगा. वहीं 23 साल का होने पर पीएम केयर्स फंड से 10 लाख रुपए की राशि एकमुश्त दी जाएगी. केंद्र सरकार की तरफ से इन बच्चों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी. इन बच्चों को हायर एजुकेशन के लिए लोन मिलेगा, जिसका ब्याज पीएम केयर्स फंड से दिया जाएगा.
इस वजह से हुई थी इस योजना की शुरुआत
बता दें कि कोरोना महामारी के कारण अपने माता-पिता को खोने वाले बच्चों की व्यापक देखभाल और सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से पीएम केयर्स फार चिल्ड्रन योजना की शुरुआत की गई थी. यह योजना ऐसे बच्चों को स्वास्थ्य बीमा और शिक्षा में सहायता प्रदान करके मदद करेगी. दिशानिर्देशों के अनुसार लाभार्थियों का खाता खोलने व सत्यापन होने पर एकमुश्त राशि सीधे उनके डाकघर खाते में ट्रांसफर की जाएगी.
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