
दुनियाभर में इन दिनों इस्लाम धर्म का पाक महीना रमजान (Ramadan 2022) चल रहा है. रमजान के 21 रोजे पूरे हो चुके हैं और आज देशभर में सहरी खाकर 22वां रोजा रखा गया है. इस पाक महीने में इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग रोजा रखते हैं. रमजान का महीना 29 या 30 दिनों का होता है. ये पूरी तरह से चांद के दिखने पर निर्भर होता है. रोजा रखने के दौरान सुबह से वक्त से लेकर शाम तक रोजेदार बिना खाना-पानी के रहते हैं. सुबह के वक्त सहरी (Sehri Timings) की जाती है. वहीं, शाम के वक्त इफ्तार (Iftar Timings) किया जाता है. इस पाक महीने में लोग ऊपर वाले की खूब इबादत करते हैं.
जानें क्या है आपके शहर में सहरी और इफ्तार की टाइमिंग
शहर | तारीख | सहरी टाइमिंग | इफ्तार टाइमिंग |
दिल्ली | 24 अप्रैल 2022 | 04:22 AM | 06:55 PM |
हैदराबाद | 24 अप्रैल 2022 | 04:35 AM | 06:54 PM |
लखनऊ | 24 अप्रैल 2022 | 04:12 AM | 06:37 PM |
पटना | 24 अप्रैल 2022 | 03:57 AM | 06:18 PM |
मुंबई | 24 अप्रैल 2022 | 04:58 AM | 06:59 PM |
कोलकाता | 24 अप्रैल 2022 | 03:50 AM | 06:01 PM |
सुबह के वक्त सहरी के लिए उठने के लिए मस्जिदों से ऐलान किया जाता है. लोग सहरी खाकर रोजे की नीयत करते हैं और फिर फजर की नमाज अदा करते हैं. इसके बाद से ही रोजे की शुरुआत हो जाती है. फिर पूरा दिन बिना खाना-पानी के रहा जाता है. रोजा रहने के दौरान लोग खुद को गलत कामों से दूर रखते हैं और ज्यादा ये ज्यादा वक्त अल्लाह की इबादत में लगाते हैं. शाम के वक्त इफ्तार किया जाता है, जिसके साथ एक रोजा पूरा होता है. इफ्तार के बाद लोग मगरीब की नमाज अदा करते हैं. वहीं, रात के समय ईशा की नमाज भी अदा की जाती है. इसके अलावा, रात में ही तरावीह की नमाज भी पढ़ी जाती है. इसमें कुरान शरीफ की तिलावत की जाती है.
गरीबों की मदद करते हैं लोग
रमजान के महीने में गरीबों की बढ़-चढ़कर मदद की जाती है. इस महीने में लोग जकात और फितरा अदा करते हैं. आसान भाषा में समझें तो जकात-फितरा अपने आय के हिस्से से निकाला जाता है और गरीबों में बांटा जाता है. गरीबों की मदद करने के अलावा मस्जिदों-मदरसों में भी खूब दान किया जाता है. रमजान के महीने में बाजार भी रौनक से भर उठते हैं. लोग खरीददारी के लिए बाजारों का रुख करते हैं. रमजान का महीना पूरा होने के बाद लोग ईद का त्योहार मनाते हैं. इसे मीठी ईद या ईद उल फितर कहा जाता है. इस दिन लोग सुबह के वक्त ईद की नमाज अदा करते हैं और एक-दूसरे के गले लगकर उन्हें मुबारकबाद देते हैं.