
दिल्ली एम्स (AIIMS Delhi) के डायरेक्टर डॉ रणदीप गुलेरिया (Randeep Guleria) का कार्यकाल तीन के लिए और बढ़ाया जा सकता है. सूत्रों ने समाचार एजेंसी एएनाई को बुधवार को इसकी जानकारी दी. सूत्रों ने कहा कि डॉ गुलेरिया के एक्सटेंशन के संबंध में निर्णय लेने वाले शीर्ष अधिकारियों ने सहमति व्यक्त की है. दरअसल, प्रधानमंत्री की अध्यक्षता वाली कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से एम्स के निदेशक पद के लिए और नामों पर विचार करने को कहा है.
सूत्रों ने कहा कि इसका मतलब यह नहीं है कि एसीसी द्वारा शॉर्टलिस्ट किए जाने के बाद पहले दिए गए नामों पर विचार नहीं किया जाएगा. नियुक्ति समिति ने पहले डॉक्टरों के तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया था, जिन्हें संस्थान के निकाय द्वारा अनुमोदित किया गया था और इन्हें एसीसी को अनुमोदन के लिए भेजा गया था.
इन तीन नामों की सिफारिश
बता दें कि एम्स के जिन तीन डॉक्टरों के नाम की सिफारिश की गई है, उनमें एंडोक्रायनोलॉजी विभाग के प्रमुख डॉक्टर निखिल टंडन, एम्स ट्रॉमा सेंटर के प्रमुख एवं ऑर्थोंपेडिक विभाग के प्रमुख डॉक्टर राजेश मल्होत्रा और गैस्ट्रोएंटेरोलॉजी विभाग के प्रोफेसर डॉक्टर प्रमोद गर्ग का नाम शामिल हैं.
पहले भी मिला था 3 महीने का एक्सटेंशन
गौरतलब है कि एम्स के मौजूदा निदेशक डॉक्टर रणदीप गुलेरिया का कार्यकाल 24 मार्च, 2022 को ही समाप्त होने वाला था. लेकिन उन्हें तीन महीने का एक्सटेंशन मिला था.
गुलेरिया 2017 में बने थे एम्स के डायरेक्टर निदेशक
बता दें कि गुलेरिया को 2017 में एम्स का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. गुलेरिया को एम्स में देश का पहला पल्मोनरी मेडिसीन और स्लीप डिसऑर्डर सेंटर स्थापित करने का श्रेय दिया जाता है. इसकी शुरुआत 2011 में की गई थी. 5 अप्रैल 1959 को पैदा हुए डॉ गुलेरिया अभी 63 साल के हैं. गुलेरिया को देश का बड़ा मेडिकल एक्सपर्ट माना जाता है.
PGIMER से हासिल की MD की डिग्री
गुलेरिया ने पोस्ट ग्रैजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल एजुकेशन एंड रिसर्च (PGIMER) चंडीगढ़ से एमडी की डिग्री हासिल की. इसके अलावा पल्मोनरी मेडिसिन में डीएम की डिग्री ली. इसके बाद वह 1992 में एम्स में बतौर असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में ज्वाइन किया. इसके बाद एम्स में वह पल्मोनोलॉजी और स्लिप डिसऑर्डर विभाग के विभागाध्यक्ष भी बने.