
राज्यसभा (Rajya Sabha Election) की 57 सीटों के लिए शुक्रवार को संपन्न हुए चुनावों के बाद सदन में महिला सदस्यों की संख्या अब 32 हो जाएगी. इनके शपथ लेने के साथ ही राज्यसभा में महिलाओं के प्रतिनिधित्व का एक नया रिकार्ड भी बन जाएगा. राज्यसभा में इससे पहले 2014 में महिला सदस्यों की सर्वाधिक संख्या 31 थी. राज्यसभा के सेवानिवृत्त हो रहे 57 सदस्यों में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) और कांग्रेस की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी सहित पांच महिला सदस्य शामिल हैं. इन दोनों के अलावा सेवानिवृत्त हो रही महिला सदस्यों में छत्तीसगढ़ से कांग्रेस की छाया वर्मा, मध्य प्रदेश से बीजेपी की सम्पतिया उइके और बिहार से राष्ट्रीय जनता दल की मीसा भारती हैं.
इन पांच महिला नेत्रियों में सीतारमण और मीसा भारती ही ऐसी हैं, जिनकी फिर से राज्यसभा में वापसी हो गई है. सीतारमण कर्नाटक से तो भारती बिहार से फिर से राज्यसभा के लिए निर्वाचित हुई हैं. छाया वर्मा, उइके और सोनी को उनकी पार्टियों की ओर से उम्मीदवार नहीं बनाया गया था. राज्यसभा की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक सेवानिवृत्त हो रही पांच महिला सदस्यों को मिलाकर वर्तमान में राज्यसभा के कुल 232 सदस्यों में महिला सदस्यों की कुल संख्या 27 है. इनमें 10 महिला सदस्य बीजेपी की हैं. वर्तमान में राज्यसभा में सात मनोनीत सदस्यों सहित सहित कुल 13 रिक्तियां हैं.
आठ महिलाएं पहली बार राज्यसभा पहुंचीं
इस बार के चुनाव में सीतारमण और भारती सहित 10 महिला उम्मीदवारों ने जीत दर्ज की है. इनमें से आठ महिलाएं पहली बार राज्यसभा पहुंची हैं. इस प्रकार राज्यसभा में महिला सदस्यों की कुल संख्या में पांच का इजाफा हुआ है और इसके साथ ही उनकी संख्या 32 हो गई है. चुनाव जीतकर पहली बार राज्यसभा पहुंचने वाली महिला सदस्यों में उत्तर प्रदेश से बीजेपी की संगीता यादव और दर्शना सिंह, झारखंड से झारखंड मुक्ति मोर्चा और राज्य महिला आयोग की पूर्व अध्यक्ष महुआ मांझी, छत्तीसगढ़ से रंजीत रंजन, ओड़िशा से बीजू जनता दल की सुलता देव, मध्य प्रदेश से बीजेपी की सुमित्रा वाल्मिकी और कविता पाटीदार और उत्तराखंड से कल्पना सैनी शामिल हैं.
राज्यसभा के उपसभापति एम वेंकैया नायडू ने 17 नवंबर 2019 को राज्यसभा के ऐतिहासिक 250वें सत्र के पहले हुई सर्वदलीय बैठक में कहा था कि राज्यसभा में महिलाओं का प्रतिनिधित्व 1952 में 15 (6.94 प्रतिशत) से बढ़कर 2014 में 31 (12.76 प्रतिशत) और 2019 में 26 (10.83 प्रतिशत) हो गया है.
पहले ही निर्विरोध चुने जा चुके थे 41 उम्मीदवार
निर्वाचन आयोग ने हाल ही में 57 राज्यसभा सीटों के लिए द्विवार्षिक चुनाव की घोषणा की थी.उत्तर प्रदेश, तमिलनाडु, बिहार, आंध्र प्रदेश, मध्य प्रदेश, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पंजाब, तेलंगाना, झारखंड और उत्तराखंड में सभी 41 उम्मीदवारों को पिछले शुक्रवार को निर्विरोध निर्वाचित घोषित किया गया था. इन उम्मीदवारों में सीतारमण को छोड़कर उपरोक्त नौ महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं.
चार राज्यों में शेष 16 सीटों के लिए शुक्रवार को मतदान हुआ, जिनमें महाराष्ट्र की छह, कर्नाटक और राजस्थान की चार-चार और हरियाणा की दो सीटें थीं. इन सीटों पर उम्मीदवारों की संख्या संबंधित राज्यों में सीटों की संख्या से अधिक थी. लिहाजा, मतदान की नौबत आई. इनमें एकमात्र महिला उम्मीदवार सीतारमण ही थीं और उन्होंने भी जीत दर्ज की.