भारत के प्रसिद्ध वायरोलॉजिस्ट डॉ शाहिद जमील ने कहा कि देश में कोविड-19 के खिलाफ जिन वैक्सीन को मंजूरी दी गई है, उनमें कोवोवैक्स उन लोगों के लिए बेहतर बूस्टर डोज होगी जिन्हें पहले कोविशील्ड का टीका लगा है. उनका मानना है कि फिलहाल उपलब्ध आंकड़ों के मुताबिक कोविशील्ड की ही एक और खुराक (बूस्टर डोज) से कोवोवैक्स बेहतर विकल्प होगा. इंडियन SARS-CoV-2 जीनोमिक्स कंसोर्टियम (INSACOG) के सलाहकार समूह के पूर्व प्रमुख जमील ने कहा कि फिलहाल वैक्सीन के दूसरे कॉम्बिनेशन के लिए आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं.
उन्होंने समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा, “इस वक्त मौजूद आंकड़े यह सुझाव देते हैं कि भारत में स्वीकृत टीकों में जिन लोगों को कोविशील्ड का टीका लगा है उन्हें इसी टीके की एक और खुराक (बूस्टर खुराक) दिए जाने के बजाए कोवोवैक्स बेहतर बूस्टर खुराक होगी.” अधिकारियों ने हालांकि कहा कि “प्रीकॉशन डोज” उसी टीके की तीसरी खुराक होगी, जो पूर्व में किसी व्यक्ति को लगे होंगे.
कोवोवैक्स को अमेरिका स्थित टीका निर्माता नोवावैक्स इंक ने विकसित किया है और उसने कॉमर्शियल प्रोडक्शन के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) से लाइसेंस करार की घोषणा की थी. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन (CDSCO) ने कोवोवैक्स को सोमवार को मंजूरी दी है.
तीसरी डोज के लिए टीके के बारे में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं
न्यूट पोर्टल ‘द वायर’ को दिए एक इंटरव्यू में वायरोलॉजिस्ट डॉ गगनदीप कांग ने कहा कि भारत में फिलहाल इस संदर्भ में कोई आंकड़ा उपलब्ध नहीं है कि तीसरी डोज के तौर पर किस टीके का इस्तेमाल किया जाना चाहिए. उन्होंने हालांकि ब्रिटेन के एक अध्ययन का हवाला दिया, जिसमें उन व्यक्तियों में उत्पन्न इम्यून रिस्पॉन्स का आकलन गया था जिन्हें पहले से ही एस्ट्राजेनेका (कोविशील्ड) वैक्सीन की दो खुराक मिल चुकी है और उन्हें बूस्टर खुराक के तौर पर या तो उसी टीके की तीसरी खुराक दी गई या नोवावैक्स (भारत में जिसे कोवोवैक्स के रूप में जाना जाता है) टीका लगाया गया.
उन्होंने कहा कि स्टडी में पाया गया कि कोविशील्ड की एक तीसरी डोज ने ज्यामितीय माध्य अनुपात (जीएमआर) में 3.25 की बढ़ोतरी की, जबकि कोवोवैक्स की एक बूस्टर डोज से आठ गुना बढ़ोतरी हुई और एक mRNA टीके से इसमें 24 गुना तक की बढ़ोतरी हुई.
10 जनवरी से हेल्थ केयर और फ्रंटलाइन वर्कर्स के साथ अन्य गंभीर बीमारियों से ग्रसित 60 वर्ष की आयु से ऊपर के लोगों को डॉक्टरों की सलाह पर एक अतिरिक्त डोज लगाई जाएगी. वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की घोषणा के मुताबिक, तीन जनवरी से 15 से 18 साल की आयु के बीच के किशोरों के लिए टीकाकरण अभियान शुरू किया जाएगा.