ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने शनिवार को आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए ‘वैतनिक चिकित्सा अवकाश’ (Paid Medical leave) की घोषणा की. साथ ही सेवा से सेवानिवृत्त (Retirement) होने वालों के लिए प्रोत्साहन पैकेज (इंसेटिव्स) को दोगुना करने का भी ऐलान किया गया है. आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ग्रामीण क्षेत्रों में महिलाओं के बीच जागरूकता के साथ-साथ बच्चों के स्वास्थ्य, पोषण और शिक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं. मुख्यमंत्री कार्यालय (सीएमओ) से एक प्रेस बयान में कहा गया है.
मुख्यमंत्री ने सेवा के प्रति उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण के लिए सेवानिवृत्त आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के लिए प्रोत्साहन राशि में (Incentives) बढ़ोतरी की है. बढ़े हुए प्रोत्साहन के रूप में, आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं को उनकी सेवानिवृत्ति पर 20,000 रुपये के बजाय 40,000 रुपये का एकमुश्त प्रोत्साहन मिलेगा. इसी तरह, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के प्रोत्साहन को 15,000 रुपये से बढ़ाकर 30,000 रुपये कर दिया गया है और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को 10,000 के बजाय 20,000 रुपये प्रदान किए जाएंगे, विज्ञप्ति में कहा गया है.
1.30 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को लाभ मिलेगा
इससे 1991 की आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं, मिनी आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं और आंगनवाड़ी सहायिकाओं को लाभ होगा जो अब तक सेवानिवृत्त हो चुकी हैं. घोषणा से राज्य की 1.30 लाख आंगनवाड़ी कार्यकर्ता को लाभ होगा.इसके साथ ही मुख्यमंत्री ने यह भी घोषणा की है कि ‘आंगनवाड़ी कार्यकर्ता, मिनी आंगनबाडी कार्यकर्ता और आंगनबाडी सहायिका किसी भी सरकारी अस्पताल में बीमारी के कारण ड्यूटी पर रहते हुए भर्ती हैं, उन्हें वैतनिक चिकित्सा अवकाश मिलेगा.
आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने सरकार के खिलाफ की नारेबाजी
वहीं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों ने मांगों को लेकर खंड कार्यालय उत्तराखंड के बाबैन में धरना दिया. इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी कर मांगें पूरी करने आवाज बुलंद की.आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर ने चेतावनी देते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगों को पूरा नहीं किया जाएगा उनका सरकार के खिलाफ रोष प्रदर्शन जारी रहेगा.आंगनबाड़ी कार्यकर्ता गीता, कमलेश, संतोष, सुभद्रा व संतोष ने आरोप लगाया कि सरकार उनकी 2018 में मानी गई मांगों को पूरा न करके उनके साथ धोखा कर रही है. उन्होंने कहा कि सरकार ने 2018 में आंगनबाड़ी वर्करों को 1500 रुपये और हैल्परों को 750 रुपये देने का वादा किया था, जिसे आज तक पूरा नहीं किया गया है.
मन की बात का उठाया मुद्दा
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने भी अपने मन की बात में आंगनबाड़ी वर्करों को ये राशि देने की बात कही थी जो आज भी अधूरी पड़ी है. उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी वर्कर और हेल्पर कोरोना महामारी में भी सबसे आगे काम कर रहे हैं, लेकिन उन्हें उनका हक न देकर परेशान किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि सरकार ने यदि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं और हेल्परों की मांगों को नहीं माना तो वे 12 जनवरी को जेल भरो आंदोलन में बढ़-चढ़ कर भाग लेंगी, जिसके लिए सरकार ही जिम्मेदार होगी. उन्होंने सरकार से उनकी सभी लंबित मांगों को तुरंत पूरा करने की मांग की है.
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