
कोरोना वायरस के बढ़ते मामलों के बीच कर्नाटक (Karnataka) में महामारी के प्रोटोकॉल के पालन को लेकर नया विवाद खड़ा हो गया है. कोरोना (Corona Virus)से बचाव के लिए मास्क को अहम माना जा रहा है लेकिन इसके उलट कर्नाटक के मंत्री उमेश कट्टी (Karnataka Minister Umesh Katti) ने मास्क पहनने से इनकार कर दिया है. एक तरफ जहां मोदी सरकार ने कोरोना नियमों का सख्ती से पालन करने पर जोर दिया तो वहीं दूसरी तरफ कर्नाटक सरकार में मंत्री उमेश कुट्टी ने मास्क पहनने से ही इनकार कर दिया.
उनका कहना है कि मास्क पहनने के लिए कोई दबाव नहीं है, यह स्वेच्छा पर निर्भर है. अपने दावे को साबित करने के लिए उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिया और कहा कि ‘उन्होंने कहा था कि मास्क पहनने के संबंध में कोई प्रतिबंध या आत्म-जिम्मेदारी नहीं है. यह पहनने या न पहनने का एक व्यक्तिगत निर्णय है.मंत्री की यह टिप्पणी ऐसे समय में आई है जब देश में कोरोना वायरस की तीसरी लहर चल रही है.
The PM has said that no restriction will be imposed & that it (wearing face mask) is an individual responsibility. Whoever wishes to wear a mask can do so. I am not interested in wearing it so I haven’t. It is my individual decision: Karnataka Minister Umesh Katti (18.01.2022) pic.twitter.com/Xmkvl6B1Y6
— ANI (@ANI) January 18, 2022
कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार ने कोरोना टेस्ट कराने से किया था इनकार
कोई राज्यों ने वायरस को प्रसार को रोकने के लिए प्रतिबंध भी लगा रखे हैं. यहां तक कि शहरों में मास्क नहीं पहनने वालों के खिलाप जुर्माना भी लगाया जा रहा है. इससे पहले कर्नाटक कांग्रेस प्रमुख डीके शिवकुमार उस समय सुर्खियों में आए थे, जब उन्होंने कांग्रेस के मेकेदातु मार्च के पहले अस्वस्थ होने के बाद कोरोना टेस्ट कराने से इनकार कर दिया था.
फिलहाल कोरोना की वजह से मेकेदातु मार्च को निलंबित कर दिया गया है. शिवकुमार ने कहा था कि स्वास्थ्य मंत्री चाहते हैं, तो उन्हें अपना सैंपल देने दें. मुझे कानून पता है. आप चाहें तो मेरे खिलाफ केस दर्ज करें लेकिन मैं अपना सैंपल नहीं दूंगा. कर्नाटक में सोमवार को कोरोना वायरस के 27156 नए मामले सामने आए थे. इसके अलावा 14 मरीजों की मौत भी हुई थी. राज्य में फिलहाल 2,17,297 एक्टिव केस हैं. राज्य में कोरोना पॉजिटिविटी रेट गिरकर 12.45 प्रतिशत हो गई है और मामले की मृत्यु दर 0.05 प्रतिशत है.बढ़ते संक्रमण के बीच युवाओं का बीमार होना और डरा रहा है.राज्य में 20 साल से कम उम्र के लोगों के संक्रमित होने वालों की संख्या भी दोगुनी हो गई है.
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