
टीका विनिर्माता सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (Serum Institute of India) के चेयरमैन साइरस पूनावाला (Cyrus Poonawalla) ने सोमवार को कहा कि दुनिया के गरीब देश कंपनी के बनाए टीकों का उपयोग कर रहे हैं. इसका कारण टीके (Vaccine) की खुराक का सस्ता होना है और इसे ‘एक कप चाय’ की कीमत पर भी उपलब्ध कराया जा रहा है. पूनावाला ने उद्योग मंडल महाराष्ट्र चैंबर ऑफ कॉमर्स, इंडस्ट्रीज एंड एग्रीकल्चर (एमसीसीआईए) द्वारा आयोजित पुणे अंतरराष्ट्रीय व्यापार शिखर सिम्मेलन में यह बात कही. कार्यक्रम में उन्हें पद्म भूषण पुरस्कार पाने के लिये सम्मानित किया गया. उन्होंने कहा कि विश्व की दो-तिहाई आबादी को कंपनी के एक या अधिक टीके दिये गये हैं.
पूनावाला ने कहा, ‘हमारे अधिकतर टीकों का उपयोग गरीब देश कर रहे हैं. यूनिसेफ और अन्य परमार्थ संगठन टीका खरीदने को आगे आए हैं. हमने अपने कर्मचारियों और वैज्ञानिकों की मदद से इसे सस्ता बनाया है और एक कप चाय की कीमत के बराबर है’.
सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) की शुरुआत अदार पूनावाला के पिता साइरस पूनावाला ने सन् 1966 में की थी. पारसी परिवार से आने वाले साइरस ने 12,000 डॉलर के साथ उन्होंने इस कंपनी को शुरू किया था. उनका आइडिया घोड़ों के सीरम से वैक्सीन तैयार करना था. देखते ही देखते एसआईआई दुनिया के सबसे बड़े वैक्सीन निर्माताओं में शामिल हो गई. आज दुनियाभर में इस इंस्टीट्यूट की तरफ से 1.5 बिलियन की वैक्सीन तैयार की जाती है और उन्हें बेचा जाता है. एसआईआई इस समय बीसीजी के टीके से लेकर पोलियो, डिप्थीरिया, टिटनेस और चेचक के साथ बच्चों में होने वाले टीकाकरण से जुड़ी हर वैक्सीन को तैयार करती है.
साइरस पूनावाला को कहा जाता है वैक्सीन किंग
बड़ स्तर पर वैक्सीन तैयार करने वाले साइरस पूनावाला को अब वैक्सीन किंग के नाम से जानते हैं. साइरस पूनावाला का आइडिया कभी भी वैक्सीन बनाने का नहीं था. 20 साल की उम्र में उन्होंने रेसिंग कार बनाने का सपना देखा था. यहां तक कि जगुआर डी-टाइप का प्रोटोटाइप मॉडल भी उन्होंने 120 डॉलर में तैयार कर डाला था. लेकिन उन्हें जल्द ही पता लगा गया कि वह इस काम को नहीं कर पाएंगे. इसलिए उन्होंने अपने परिवार के बिजनेस जो कि घोड़ों के अस्तबल से जुड़ा था, उसे ही आगे बढ़ाने का सोचा. वह यहां पर काम करते थे और यहीं से उन्हें वैक्सीन बनाने का आइडिया आया था.
सीआईआई की कुछ वैक्सीन एक कप चाय से भी सस्ती
सीआईआई की कुछ वैक्सीन 5 रुपए की कीमत पर भी बिकती हैं यानी चाय के एक कप से भी सस्ती. भारत सरकार के अलावा सीआईआई विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्लूएचओ), यूनीसेफ और गावी को भी वैक्सीन सप्लाई करती है. मई 2019 में एक रिपोर्ट के मुताबिक साइरस पूनावाला ने यूक्रेन को चेचक के फ्री वैक्सीनेशन के लिए 100 हजार फ्री डोज सप्लाई करने का प्रस्ताव दिया था. फोर्ब्स की तरफ से साल 2020 में आई भारतीय अमीरों की लिस्ट में साइरस पूनावा छठें नंबर हैं. बेटे अदार पूनावाला की अगुवाई में कंपनी की कीमत आज 4,000 करोड़ से भी ज्यादा की है.