कांग्रेस के वरिष्ठ सांसद शशि थरूर (Shashi Tharoor) को कुवैत (Kuwait) में भारतीय दूतावास (Indian embassy) ने एक ट्वीट शेयर करने के लिए फटकार लगाई. इस ट्वीट में कहा गया था कि कुछ ‘शक्तिशाली’ कुवैती सांसदों ने मांग की है कि कुवैत सरकार को कुवैत में बीजेपी सदस्यों के प्रवेश पर तत्काल प्रतिबंध लगाना चाहिए. वहीं दूतावास ने शशि थरूर की निंदा करते हुए कहा कि ट्वीट एक पाकिस्तानी एजेंट द्वारा किया गया था, जिसे भारत विरोधी गतिविधियों के लिए पाकिस्तान का शांति पुरस्कार मिला था. उधर शशि थरूर ने कहा कि वो व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं, लेकिन भावना के बारे में चिंतित हैं.
दरअसल शशि थरूर ने शुक्रवार को एक ट्वीट शेयर किया, जिसमें दावा किया गया कि कुवैत के सांसदों ने सरकार को पत्र लिखकर भारत के बीजेपी सदस्यों के प्रवेश पर तत्काल प्रतिबंध लगाने की मांग की है. ट्वीट में कहा गया है कि हम वापस बैठकर मुस्लिम लड़कियों को सार्वजनिक रूप से प्रताड़ित होते नहीं देख सकते. ट्वीट में पत्र का स्क्रीनशॉट भी था.
Domestic actions have international repercussions. I hear from friends across the Gulf of their dismay at rising Islamophobia in India &the PM’s unwillingness to condemn it, let alone act decisively against it. “We like India.But don’t make it so hard for us to be your friends”. https://t.co/Bj9es8fbfS
— Shashi Tharoor (@ShashiTharoor) February 18, 2022
वहीं शशि थरूर ने ट्वीट पर प्रतिक्रिया व्यक्त की और भारत में इस्लामोफोबिया बढ़ने और पीएम मोदी की निंदा करने की अनिच्छा पर टिप्पणी की. उन्होंने लिखा कि घरेलू घटनाओं के अंतरराष्ट्रीय प्रभाव होते हैं. मैंने खाड़ी के अपने दोस्तों से भारत में ‘इस्लामोफोबिया’ के बढ़ने को लेकर निराशा और इसकी निंदा करने के लिए प्रधानमंत्री की अनिच्छा के बारे में सुना है.
Sad to see an Hon’ble Member of Indian Parliament retweeting an anti-India tweet by a Pakistani agent who was recipient of a Pakistani Award ‘Ambassador of Peace’ for his anti-India activities. We should not encourage such anti-India elements. https://t.co/e43MAmc50j pic.twitter.com/v3hoL582tL
— India in Kuwait (@indembkwt) February 18, 2022
भारत विरोधी तत्वों को कोई मौका नहीं दें- शशि थरूर
कुवैत में भारतीय दूतावास ने शशि थरूर के ट्वीट पर ध्यान दिया और ट्वीट करने वाले व्यक्ति को पाकिस्तान के पुरस्कार की एक फोटो पोस्ट की. दूतावास ने लिखा कि भारतीय संसद के एक माननीय सदस्य को एक पाकिस्तानी एजेंट के भारत-विरोधी ट्वीट को रीट्वीट करते हुए देखकर दुख हुआ, जो अपनी भारत विरोधी गतिविधियों के लिए ‘शांति का राजदूत’ पुरस्कार प्राप्त कर चुका था. हमें ऐसे भारत विरोधी तत्वों को प्रोत्साहित नहीं करना चाहिए. वहीं जवाब में सांसद ने कहा कि वो उस व्यक्ति का समर्थन नहीं करते हैं, जिसका ट्वीट उन्होंने शेयर किया है. साथ ही कहा कि उन्होंने उस व्यक्ति के बारे में सुना भी नहीं है. उन्होंने कहा कि वो ट्वीट में व्यक्त की गई भावनाओं के बारे में चिंतित हैं, जिसे भारत में कई मित्र शेयर करते हैं. उन्होंने कहा कि कुवैत में भारतीय दूतावास के विचार को स्वीकार करते हुए वो भारत सरकार से आग्रह करते हैं कि ऐसे भारत विरोधी तत्वों को कोई मौका नहीं दें.
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(इनपुट- भाषा के साथ)