विदेश मंत्री एस जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने सोमवार को तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन (Tamil Nadu Chief Minister MK Stalin) को आश्वासन दिया कि केंद्र यूक्रेन में फंसे तमिलनाडु के छात्रों को बचाने के लिए सभी कदम उठा रहा है और उन्हें जल्द ही भारत लाया जाएगा. विदेश मंत्री ने मुख्यमंत्री से टेलीफोन पर बातचीत के दौरान राज्य से छात्रों की सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का आश्वासन दिया. यूक्रेन (Ukrain) से छात्रों को तुरंत निकालने के लिए केंद्र को 24 फरवरी के पत्र के बाद स्टालिन ने जयशंकर से फोन पर बात की और फंसे हुए छात्रों को बचाने में केंद्र की मदद मांगी.
रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन के खिलाफ अपनी सैन्य कार्रवाई शुरू की थी. तमिलनाडु सरकार के अनुसार, राज्य के तकरीबन 5,000 छात्र यूक्रेन में फंसे हैं, जिनमें से ज्यादातर पेशेवर पाठ्यक्रमों की पढ़ाई कर रहे हैं. राज्य सरकार की ओर से जारी विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री ने सरकार से छात्रों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और उन्हें भोजन और आश्रय प्रदान करने का आग्रह किया. फोन पर बातचीत के दौरान स्टालिन ने केंद्रीय मंत्री से एक नोडल अधिकारी नियुक्त करने को भी कहा.
‘विशेष वंदे भारत अभियान चलाने का किया था अनुरोध’
इससे पहले मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने विदेश मंत्री एस जयशंकर से यूक्रेन में फंसे तमिलनाडु के छात्रों को निकालने के लिए विशेष वंदे भारत अभियान चलाने का अनुरोध किया था. साथ ही उन्होंने ये भी ऐलान किया कि राज्य सरकार स्वदेश वापसी पर इन सभी नागरिकों की यात्रा का खर्च उठाएगी.
उधर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को यूक्रेन संकट पर एक और उच्च स्तरीय बैठक की अध्यक्षता की. पीएम मोदी ने बैठक के दौरान यूक्रेन में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा के तहत चल रहे प्रयासों की समीक्षा की. विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा कि प्रधानमंत्री ने कहा कि विभिन्न देशों में उनके विशेष दूतों के रूप में चार वरिष्ठ मंत्रियों की यात्रा निकासी प्रयासों को सक्रिय करेगी. ये इस बात को दर्शाता है कि सरकार इस मामले को कितनी प्राथमिकता देती है.
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(इनपुट- भाषा के साथ)