
उच्चतम न्यायालय (Supreme court) में एक याचिका दायर कर केंद्र और अन्य को निर्देश देने का अनुरोध किया गया है, कि यूक्रेन (Ukraine) से लौटने वाले मेडिकल विद्यार्थियों (Medical students) को भारतीय मेडिकल कॉलेजों (Medical college) में एक बार में ही शामिल करने की छूट दी जाए. उन छात्रों के लिए कोई अलग से एक्जाम नहीं लिए जाएं. याचिका में कहा गया है कि वैकल्पिक तौर पर केंद्र और राज्यों को यूक्रेन में अधिकारियों के साथ समन्वय करने तथा केंद्रीय, राज्य या निजी मेडिकल कॉलेजों में कुछ सीटों को यूक्रेनी संस्थानों के विदेशी परिसरों के रूप में घोषित करने के लिए कहा जाए, जिससे युद्धग्रस्त पूर्वी यूरोपीय देश में स्थिति सामान्य होने तक एकबारगी आपातकालीन उपाय के तहत पढ़ाई जारी रह सके.
दो वकीलों द्वारा दायर याचिका में उन भारतीय छात्रों की परेशानी को रेखांकित किया गया है, जो यूक्रेन के विभिन्न संस्थानों में मेडिकल सहित विभिन्न पाठ्यक्रमों में अपनी पढ़ाई बंद करने के लिए बाध्य हो गए हैं. याचिका में कहा गया है कि इस बात को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है कि यूक्रेन में सामान्य स्थिति कब तक बहाल हो सकेगी और क्या छात्र अपना पाठ्यक्रम पूरा कर पाएंगे या नहीं. उल्लेखनीय है कि उच्चतम न्यायालय ने चार मार्च को केंद्र की इस दलील पर गौर किया था कि उसने युद्धग्रस्त यूक्रेन में फंसे 17,000 भारतीय छात्रों को अब तक बाहर निकाला है.
अभिभावकों के लिए ऑनलाइन हेल्पलाइन नंबर जारी करने के आदेश
न्यायालय ने केंद्र से यूक्रेन में फंसे छात्रों के अभिभावकों और परिवारों के लिए ‘ऑनलाइन हेल्पलाइन’ स्थापित करने पर विचार करने और उच्च न्यायालयों को यह बताने के लिए भी कहा था कि वे छात्रों की निकासी से संबंधित मुद्दे पर गौर नहीं करें, ताकि मुकदमों की बहुलता से बचा जा सके. आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय ने 3 मार्च को अटॉर्नी जनरल के.के वेणुगोपाल से कहा था कि रोमानिया की सीमा के पास यूक्रेन में फंसे भारतीय छात्रों को निकालने में मदद करें. उच्चतम न्यायालय ने एक वकील द्वारा दायर याचिका का संज्ञान लेते हुए ये निर्देश दिया है.
अटॉर्नी जनरल को सुप्रीम कोर्ट का आदेश
उच्चतम न्यायालय के प्रधान न्यायाधीश एन.वी रमण, न्यायमूर्ति ए.एस बोपन्ना और न्यायमूर्ति हिमा कोहली की पीठ ने एक वकील द्वारा उच्चतम न्यायालय में दायर की गई याचिका का संज्ञान लिया है. इस याचिका में कहा गया था कि रोमानिया की सीमा पर जमा देने वाली ठंड के बीच बड़ी संख्या में छात्र -छात्राएं बिना किसी सुविधा के फंसे हैं और सरकार रोमानिया से उड़ानें संचालित नहीं कर रही है. वकील ने पीठ को बताया कि उड़ानें पोलैंड और हंगरी से संचालित हो रही हैं. इस पर पीठ ने कहा कि हम सबको उनसे सहानूभूति है, लेकिन इसमें अदालत क्या कर सकती है. पीठ ने इस मामले में अटॉर्नी जनरल से फंसे छात्रों की मदद करने पर विचार करने को कहा था.
टीवी 9 भारतवर्ष काफी समय से जो कह रहा था, आखिर वही हुआ. यूक्रेन की लड़ाई वर्ल्ड वॉर की तरफ आ ही गई. देखिये वॉर जोन से LIVE हाल अभिषेक उपाध्याय और चेतन शर्मा के साथ.
इसे भी पढ़ें: Ukraine Russia War: ऑपरेशन गंगा के तहत आज 2,135 भारतीयों की हुई वतन वापसी, अब तक 13,300 लोगों को लाया गया भारत