
रमजान (Ramadan 2022) के पाक महीने की शुरुआत हो गई है. ऐसे में रोजेदारों ने हर बार की तरह इस बार भी इस पाक महीने में रोजा रखा है. देशभर में आज पांचवा रोजा रखा गया है. सुबह के वक्त मस्जिदों से सहरी (Sehri Timing) के लिए उठने के लिए हुए ऐलान के बाद लोगों की आंख खुली और उन्होंने सहरी खाकर रोजे की शुरुआत की. इसके बाद नमाजियों ने फजर की नमाज के लिए मस्जिदों के लिए रुख किया. यहां पर फजर की नमाज अदा की गई और फिर दोनों हाथ खुदा के आगे फैलाकर सबकी सलामती और बेहतरी के लिए दुआ मांगी गई. वहीं, अब सभी को शाम में होने वाले इफ्तार (Iftar Timing) का इंतजार है.
इस्लाम धर्म के सबसे पाक महीनों में रमजान की गिनती होती है. इस महीने में रोजेदार रोजा रखते हैं और ऊपर वाले की इबादत करते हैं. आम तौर पर रमजान का महीना 29 या 30 दिनों का होता है. इस पाक महीने में तारीखें पूरी तरह से चांद पर निर्भर करती हैं. खाड़ी के देशों और पश्चिमी मुल्कों में रमजान की शुरुआत भारत के मुकाबले एक दिन पहले ही हो जाती है. वहीं, इन दिनों चिलचिलाती गर्मी रोजेदारों का कड़ा इम्तिहान लेते हुए नजर आ रही है. हालांकि, इन विषम परिस्थितियों के बाद भी रोजेदारों का उत्साह कम नहीं हुआ है. वे हर रोज ऊपर वाले की खिदमत के लिए सुबह उठकर रोजा रख रहे हैं.
जानें आपके शहर में सहरी और इफ्तार की टाइमिंग क्या है
शहर | तारीख | सहरी टाइमिंग | इफ्तार टाइमिंग |
दिल्ली | 7 अप्रैल 2022 | 04:43 AM | 06:45 PM |
हैदराबाद | 7 अप्रैल 2022 | 04:54 AM | 06:46 PM |
लखनऊ | 7 अप्रैल 2022 | 04:32 AM | 06:28 PM |
पटना | 7 अप्रैल 2022 | 04:16 AM | 06:10 PM |
मुंबई | 7 अप्रैल 2022 | 05:13 AM | 06:54 PM |
कोलकाता | 7 अप्रैल 2022 | 04:07 AM | 05:55 PM |
रमजान का महीना पूरा होने पर मनाई जाती है ईद
पिछले दो सालों से कोरोनावायरस महामारी की वजह से रमजान का पाक महीना थोड़ा फीका रह गया था. लेकिन इस साल रौनक देखने को मिल रही है. रमजान के महीने में लोग खुद को गलत कामों से दूर रखते हैं और अपना पूरा दिन ऊपर वाले की इबादत करते हुए गुजार देते हैं. वहीं, गरीब और मजबूर लोगों की मदद के लिए इस महीने बढ़-चढ़कर दान किया जाता है. इस्लाम धर्म को मानने वाले लोग इस महीने जकात और फितरा देते हैं, जो गरीबों में बांटा जाता है. जकात और फितरा में पैसा और अनाज शामिल होता है. इस्लाम के इस पाक महीने के पूरा होने पर ईद का त्योहार मनाया जाता है. इसे ईद-उल-फितर या आम भाषा में कहें तो मीठी ईद कहा जाता है.
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