यूक्रेन (Ukraine) में लड़ रही पुतिन की सेना में विद्रोह की खबरें भी सामने आने लगी हैं. एक लोकल रिपोर्ट के हवाले से दावा किया जा रहा है कि करीब 60 रूसी पैराट्रूपर्स (Russian Paratroopers) ने यूक्रेन में जंग लड़ने से इनकार कर दिया है. ये उत्तरी रशिया के पेस्कोव यूनिट में तैनात हैं और जंग लड़ने से इनकार करने पर इनको रूसी सेना (Russian Army) सजा करने की तैयारी कर रही है. विद्रोही सैनिकों में से कुछ को कायर करार दिया गया है और उन्हें बर्खास्त कर दिया गया है जबकि कुछ को कोर्ट मार्शल करने की तैयारी है.
यूक्रेन की सेना ने दावा किया है कि रूस के बंदी सैनिकों ने खुलासा किया था कि उन्हें बिना राशन-पानी के लड़ने के लिए भेज दिया गया है. एक सैनिक के राशन में दो सैनिक काम चलाते हैं जबकि सेना के जनरल यूक्रेन की आम अवाम को लूटने में जुटी है, जिसे वो सपोर्ट नहीं करते. हालांकि इसकी स्पष्ट वजह सामने नहीं आई है. यूक्रेन के राष्ट्रपति व्लोदिमीर जेलेंस्की ने मिस्र के संसद को संबोधित करते हुए कहा है कि जो युद्ध चुनता है, वो हमेशा हारता है.
रूस के राष्ट्रपति पर जेलेंस्की ने साधा निशाना
वहीं रूस के राष्ट्रपति पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि यूरोप में एनर्जी क्राइसिस और आर्थिक तौर पर ब्लैकमेल करने की कोशिश कामयाब नहीं होगी. उन्होंने कहा कि रूस ने मारियुपोल में यूक्रेनी नागरिकों को मिटा देने की कोशिश की है, जिसके खिलाफ यूरोप को एकजुट होने की जरूरत है यूक्रेन पर रूस के हमले का आज 43वां दिन है. एक महीने से ज्यादा लंबे चले युद्ध के बाद रूस की सेना ने कीव को खाली कर दिया है, लेकिन बैटलग्राउंड से भीषण तबाही की तस्वीरें आ रही हैं.
आज कीव के पास बूचा में लूटपाट की खबरें भी आईं, जिसके बाद शहर में कर्फ्यू लगा दिया गया है. यूक्रेन की सेना शहर से विस्फोटक हटाने में जुटी हैं और अब तक 1,500 से ज्यादा माइंस डिफ्यूज कर चुकी है. यूक्रेन से अब तक करीब पच्चीस लाख लोग पोलैंड पलायन कर चुके हैं. सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक इतने लोगों ने बॉर्डर क्रॉस तो किया है, लेकिन अभी कितने लोग पोलैंड में बने हुए हैं, ये कहा नहीं जा सकता. बैटल फील्ड से भागे ये रिफ्यूजी अब अपनी जिंदगी को नए सिरे से शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं.
पोलैंड के गृह मंत्रालय के मुताबिक सात लाख यूक्रेनी लोगों ने नौकरी करने और पढ़ाई शुरू करने की इच्छा जताई है. रूस यूक्रेन युद्ध के बाद यूरोप में पहली बार इतना बड़ा पलायन हुआ है. माना जा रहा है कि 43 लाख लोग यूक्रेन छोड़ चुके हैं. ये लोग या तो रिफ्यूजी कैंप में पड़े हैं, या नई जिंदगी शुरू करने की कोशिश कर रहे हैं.
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