जम्मू-कश्मीर शिक्षा विभाग ने बीते दिनों एक बड़ा फैसला लिया है. जिसके बाद जम्मू-कश्मीर (Jammu And Kashmir) में 300 स्कूल बंद होने जा रहे हैं. यह स्कूल एक प्रतिबंधित समूह से जुड़े ट्रस्ट के अधीन संचालित हो रहे थे. प्रशासन ने इन स्कूलों को नोटिस जारी करते हुए इन्हें जल्द से जल्द बंद करने को कहा है. वहीं दूसरी ओर स्कूलों (Schools)के बंद होने से इनमें पढ़ रहे छात्रों के सामने भविष्य की शिक्षा को लेकर चिंताएं उभर आई हैं. एक आंकड़ें के अनुसार इन स्कूलों में मौजूदा समय में हजारों छात्र अध्ययनरत हैं. घाटी के विभिन्न क्षेत्रों में यह निजी स्कूल कई वर्षों से संचालित हो रहे थे.
प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी समूह से संबंध
इन स्कूलों के बंद होने से छात्रों को होने वाली परेशानी को लेकर एनडीटीवी इंग्लिश ने एक रिपोर्ट प्रकाशित की है. रिपोर्ट के मुताबिक जिन 300 स्कूलों को शिक्षा विभाग ने बंद करने का फैसला लिया है, उनका संबंध प्रतिबंधित जमात ए इस्लामी समूह से संबद्ध एक ट्रस्ट से है. यह ट्रस्ट फलाह-ए-आम नाम से संचालित होता है. प्रशासन ने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को अगले 15 दिनों के भीतर स्कूलों को बंद करने को कहा है. राज्य जांच एजेंसी (एसआईए) द्वारा कथित तौर पर इन स्कूलों को जमात समर्थित ट्रस्ट से जुड़े पाए जाने के बाद यह निर्णय लिया गया है. हालांकि इस बीच कई स्कूलाें ने कहा है कि उन्होंने अपने स्कूलों को ट्रस्ट से अलग कर दिया गया था. जिसके बाद स्कूल का फिर से पंजीकृत किया गया और 2017 में स्थानीय सामुदायिक प्रबंधन ने इसे अपने कब्जे में ले लिया, लेकिन इसके बाद भी उन पर बंदी की तलवार लटकी हुई है.
2019 में जमात पर लगाया गया था प्रतिबंध
जमात-ए-इस्लामी पर 2019 में सरकार द्वारा प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था. शिक्षा विभाग के आदेश के मुताबिक जमात से जुड़े ट्रस्ट से जुड़े सभी स्कूलों की मान्यता वापस ले ली गई है. जिसके तहत सभी जिलों के मुख्य शिक्षा अधिकारियों को इन स्कूलों को 15 दिनों के भीतर बंद करने और छात्रों को सरकारी स्कूलों में स्थानांतरित करने के लिए कहा गया है.
स्थानीय मीडिया रिपोर्टों के अनुसार एसआईए ने इन स्कूलों को कश्मीर में 2010 और 2016 की नागरिक अशांति में शामिल पाया. वहीं रिपोर्ट में फलाह आम ट्रस्ट के हवाले से कहा गया है कि केवल सात स्कूल उनसे सीधे जुड़े हुए हैं, और किसी भी विध्वंसक या अलगाववादी गतिविधि में शामिल होने के आरोपों से इनकार किया. रिपोर्ट में फलाह आम ट्रस्ट के निदेशक शौकत अहमद वार ने कहा कि हमें नहीं पता कि हमें प्रतिबंधित क्यों किया गया. हम केवल सरकार द्वारा अनुमोदित पाठ्यक्रम का पालन करते हैं और सरकार के निर्देशों का पालन करते हैं.
मदरसे के साथ आधुनिक शिक्षा
ट्रस्ट से जुड़े इन स्कूलों में मदरसे के साथ ही आधुनिक शिक्षा दी जा रही थी. जिसके तहत इन स्कूलों में धार्मिक मदरसा के साथ ही जम्मू कश्मीर शिक्षा बोर्ड के पाठ्यक्रम और यूरोपीय कैम्ब्रिज पाठ्यक्रम लागू किया गया था. रिपोर्ट मेंस्कूल के एक शिक्षक सलीम सिद्दीकी से कहा गया है कि हम राज्य स्कूल शिक्षा बोर्ड द्वारा तैयार और स्वीकृत पाठ्यक्रम का पालन कर रहे हैं. कक्षा 5 तक, हम कैम्ब्रिज श्रृंखला पढ़ा रहे हैं जो बहुत आधुनिक और आधुनिक युग से जुड़ी हुई है.