पूर्वोत्तर (North East) राज्यों में बीते दिनों हुई बारिश के बाद इन दिनों असम और मेघालय बाढ़ (Flood) का सामना कर रहे हैं. आलम यह है बीते दिनों हुई बारिश (Rain) के बाद दोनों राज्यों में बहने वाली कई नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं. इस वजह से नदियों पर बने कई बांध टूट गए हैं तो वहीं कई सड़कें भी टूट गई है. नतीजतन दोनों राज्यों के जिलों के कई गांव डूब क्षेत्र में आ गए हैं. वहीं रास्ते टूटने की वजह से कई गांवों से संंपर्क ना होने की बात भी सामने आई है. जबकि बारिश व भूस्खलन की वजह से दोनों राज्याें में कई लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी है. इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार सुबह फोन कर हालातों का जायजा लिया है.
असम के मुख्यमंत्री हेमंत बिस्व सरमा ने जानकारी देते हुए बताया कि शनिवार सुबह 6 बजे पीएम मोदी ने उन्हें असम में बाढ़ की स्थिति के बारे में जानकारी लेने के लिए फोन किया. मुख्यमंत्री सरमा ने बताया कि इस प्राकृतिक आपदा के कारण लोगों को हो रही कठिनाइयों पर चिंता व्यक्त करते हुए, पीएम ने केंद्र सरकार से हर संभव मदद का आश्वासन दिया.
बाढ़ से 31 की मौत
बीते दिनों हुई बारिश के बाद बाढ़ का कहर झेल रहे असम और मेघालय को इस वजह से जानमाल का नुकसान भी उठाना पड़ा है. दोनों राज्याें में बाढ़ और भूस्खलन की वजह से अब तक 31 लोगों की मौत हो चुकी है. जिसमें सबसे अधिक लोगों की मौत मेघालय में हुई है. जानकारी के मुताबिकअसम में पिछले दो दिनों में बाढ़ से कम से कम 12 लोगों की मौत हो गई है. वहीं मेघालय प्रशासन ने पिछले 2 दिनों में 19 मौतों की सूचना दी है.
असम में बाढ़ से 19 लाख लोग प्रभावित
बाढ़ की वजह से असम को सबसे अधिक नुकसान होने की खबर है. जानकारी के मुताबिक बाढ़ का असर असम के28 जिलों पर पड़ा है. जिसके चलते इन 28 जिलों में रहने वाले कम से कम 19 लाख लोग सीधे तौर पर बाढ़ से प्रभावित हुए हैं, जिसमें नवगठित बजली जिला सबसे ज्यादा बाढ़ प्रभावित माना जा रहा है. अधिकारियों ने बताया कि ब्रह्मपुत्र और गौरंगा नदियों का जलस्तर कई इलाकों में खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं.
असम सरकार ने लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा
असम सरकार ने बाढ़ प्रभावित जिलों के लिए अलर्ट जारी किया है. जिसमें लोगों से आग्रह किया गया है कि वे अपने घरों से बाहर न निकलें जब तक कि यह बहुत जरूरी न हो या कोई मेडिकल इमरजेंसी न हो. असल में राजधानी गुवाहाटी के ज्यादातर हिस्से लगातार तीसरे दिन जलजमाव के कारण ठप हो गए हैं. गुवाहाटी शहर में कई भूस्खलन भी हुए हैं, जिसमें नूनमती क्षेत्र के अजंतानगर में तीन लोग घायल हो गए हैं. वहींबक्सा जिले में बुधवार को लगातार बारिश और दिहिंग नदी का जलस्तर बढ़ने से सुबनखाटा इलाके में पुल का एक हिस्सा गिर गया.
मेघालय में भारी वाहनों के लिए बंद किया गया है एनएच
बाढ़ की वजह से मेघालय में भी काफी नुकसान हुआ है. बाढ़ और भूस्खलन की वजह से राष्ट्रीय राजमार्ग (NH) 6 कुछ हिस्से धंस गए और बह गए. जिसके बाद इस NH को भारी यातायात के लिए बंद कर दिया गया है. यह NH त्रिपुरा, दक्षिणी असम, मिजोरम और मेघालय के कुछ हिस्सों की जीवन रेखा है. वहींमेघालय सरकार ने बाढ़ के मद्देनजर चार क्षेत्रों को देखने के लिए चार समितियों का गठन किया है. प्रत्येक समिति का अध्यक्ष एक कैबिनेट मंत्री को बनाया गया है.