
गुजरात में 2002 (2002 Gujarat Riots) में हुए दंगो की जांच के लिए गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) ने राज्य के तत्कालीन मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीन चिट दे दी थी. इसके खिलाफ दिवंगत पूर्व कांग्रेस सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जाकिया जाफरी ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका दायर की थी. जिसपर कोर्ट आज अपना अहम फैसला सुनाएगा. एहसान जाफरी की 2002 में अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी में हिंसा के दौरान मौत हो गई थी. इससे पिछली सुनवाई में वरिष्ठ वकील मुकुल रोहतगी एसआईटी की तरफ से अदालत में पेश हुए थे. उन्होंने जस्टिस एएम खानविलकर की अध्यक्षता वाली सुप्रीम कोर्ट की बेंच से कहा था कि कोर्ट को जाफरी की याचिका पर गुजरात हार्च कोर्ट द्वारा लिए गए फैसले का समर्थन करना चाहिए.
साल 2012 में 8 फरवरी को एसआईटी ने अपनी क्लोजर रिपोर्ट दायर की थी और निष्कर्ष निकाला कि मोदी और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों सहित 63 अन्य के खिलाफ ‘कोई मुकदमा चलाने योग्य सबूत नहीं’ मिला है. गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के एस-6 डिब्बे में आग लगने के एक दिन बाद पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी हिंसा में मारे गए 68 लोगों में शामिल हो गए थे. वहीं साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बे में आग लगने से 59 लोगों की मौत हो गई थी और उसके बाद गुजरात में दंगे हुए थे.
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