विश्व व्यापार संगठन (WTO) की मिनिस्ट्रियल सम्मेलन में भारत अपनी नेतृत्व क्षमता का परिचय दिया है. जिसके तहत वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल (Piyush Goyal) के नेतृत्व में भारत कई अहम समझौतों के लिए 164 देशों को राजी करते हुए एकमत करने में सफल रहा है. भारत ने विकासशील व कम विकसित देशों का नेतृत्व करते हुए यह उपलब्धि हासिल की है. असल में बुधवार शाम तक मिनिस्ट्रियल बैठक में मायूसी छाई हुई थी और किसी फैसले की उम्मीद तक नहीं की जा रही थी, लेकिन भारत ने दुनिया को एकमत कर लिया. जिसे WTO मिनिस्ट्रियल सम्मेलन में भारत की जीत के तौर पर देखा जा रहा है.
पीयूष गोयल के नेतृत्व में 19 घंटे चली बैठक
विकासशील व कम विकसित देशों का कई अहम समझौतों के लिए एकमत करने के लिएभारत के वाणिज्य व उद्योग मंत्री पीयूष गोयल के नेतृत्व में लगातार 19 घंटे मैराथन बैठक आयोजित हुई. जिसके बाद गुरुवार सुबह तक कई मुद्दों पर फैसले की उम्मीद दिखने लगी. साल के बाद डब्ल्यूटीओ के मिनिस्ट्रियल सम्मेलन में सभी देश किसी समझौते के लिए राजी हुए हैं. किसी एक भी देश के मना करने पर समझौता अटक सकता है.
भारत अनाज का निर्यात नहीं करेगा, लेकिन भारत ने जरूरत पड़ने पर अपनी खाद्य सुरक्षा के लिए निर्यात पर प्रतिबंध का रास्ता समझौते में खोल रखा है. भारत ने समझौते के दौरान यह भी कहा कि पब्लिक स्टॉक होल्डिंग (पीएसएच) पर स्थायी समझौता नहीं तक कृषि से जुड़े किसी मुद्दे पर बातचीत नहीं होगी.
WTO की कार्यशैली में सुधार
WTO मिनिस्ट्रियल सम्मेलन में भारत की नेतृत्व क्षमता का सबसे श्रेष्ठ उदाहरण यह रहा कि भारत सभी देशों कोWTO की कार्यशैली में सुधार के लिए एकमत करने में सफल रहा. असल में पहले तक कुछ देश आपस में सहमति बनाकर उस फैसले को WTO के सदस्य देशों पर थोप देते थे, लेकिन भारत के प्रयास से अब जब WTO की कार्यशैली में सुधार की संभावनाएं बनने लगी है तो ऐसा नहीं हो पाएगा. इस कवायद यानी WTO की कार्यशैली में सुधार के बाद किसी भी फैसले के लिए जनरल काउंसिल की मंजूरी लेनी पड़ेगी.
वहींबैठक के दौरान इस आधार सहमति बनी है कि कोई पेटेंट हस्तांतरण के बिना निर्माण कर सकता है और निर्यात भी कर सकता है, कोई निर्यात प्रतिबंध नहीं होगा है. इसी तरहविश्व खाद्य कार्यक्रम, ई-कॉमर्स और अवैध मछली पकड़ने तथा गहरे समंदर में मछली पकड़ने पर प्रतिबंध को लेकर विश्व व्यापार संगठन में एक समझौता अपेक्षित है.