पंजाब के अमृतसर में बीएसएफ (BSF) की 144 बटालियन के मुख्यालय में 6 मार्च को बीएसएफ के जवान की ओर से हुई गोलीबारी में 4 अन्य जवानों की मौत हुई थी. इस घटना में एक जवान गंभीर रूप से घायल भी हुआ था. अपने साथियों को गोली मारने के बाद बीएसएफ जवान सतप्पा सिद्धप्पा (Satteppa Siddappa) ने खुद को भी गोली मार ली थी. इसके बाद अब बीएसएफ की कोर्ट ऑफ इंक्वायरी ने पांच अफसरों और एक व्यक्ति के खिलाफ विभागीय कार्रवाई की सिफारिश की है. इनमें एक चीफ मेडिकल ऑफिसर (CMO) और डिप्टी कमांडेंट भी शामिल है. इन पर सतप्पा की मानसिक स्थिति को नजरअंदाज करने का आरोप है.
घटना की जांच में पता चला था कि आरोपी बीएसएफ कांस्टेबल सतप्पा को गोलीबारी करने के 15 मिनट पहले यानि सुबह करीब 9.30 बजे यूनिट हॉस्पिटल से रिलीज किया गया था. उसने इसके बाद ही साथियों पर गोलीबारी की थी. जिन लोगों को उसने गोली चलाकर मारा था, उनमें उसका वह दोस्त भी शामिल था, जो सतप्पा का ख्याल रखता था. रतन लाल नाम के इस जवान ने घटना से 1 घंटे पहले ही सतप्पा को नाश्ता भी परोसा था.
सतप्पा को थी कई मानसिक बीमारियां
गोलीबारी की इस घटना की हुई कोर्ट ऑफ इंक्वायरी में यह बात भी सामने आई है कि आरोपी सतप्पा कई तरह की मानसिक बीमारियों से पीड़ित था. उसे डायबिटीज और ब्लड प्रेशर के साथ ही साइकोसिस, बाइपोलर डिसऑर्डर, एंजाइटी समेत कई बीमारियां थी. इसके बावजूद उसे मेडिकल चेक अप के दौरान शेप 1 सर्टिफिकेट जारी किया गया था. यह सबसे बड़ा हेल्थ सर्टिफिकेट होता है.
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बीमारी के बाद भी लगाई गई थी ड्यूटी
जांच में यह भी पता चला कि तबीयत खराब होने और डॉक्टरों की ओर से आराम करने की सलाह मिलने के बाद भी सतप्पा की देर रात 1 बजे से तड़के 3 बजे तक संतरी की ड्यूटी लगाई गई थी. उसकी ड्यूटी को तब हटाया गया था, जब दोबारा उसका स्वास्थ्य खराब हुआ था. सतप्पा के छुट्टियों के रिकॉर्ड से पता चला है कि वह पिछले एक साल से मानसिक बीमारियों से जूझ रहे थे. पिछले एक साल में उन्होंने कई बार छुट्टी ली थी.