
देश में आपराधिक मामलों की निगरानी करने वाली भारत सरकार की संस्था नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने इस साल 2021 में हुए आपराधिक घटनाओं कि जो जानकारी दी है वह बेहद हैरान करने वाली है. एनसीआरबी ने जो डाटा आज जारी किया है, उसके मुताबिक देशभर में महिलाओं और बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा में जबरदस्त बढ़ोतरी दर्ज की गई है. इसके अलावा साल 2020 की तुलना में देश में अलग-अलग कारणों से आत्महत्या करने वालों की संख्या भी बेतहाशा बढ़ी है.
एनसीआरबी के डाटा के अनुसार, 2021 में महिलाओं के खिलाफ अपराध के कुल 4 लाख 28 हजार 278 मामले दर्ज किए गए, जो कि साल 2020 की 3 लाख 71 हजार 595 मामलों की तुलना में 15.3 प्रतिशत ज्यादा है. इनमें अधिकतर मामले घरेलू हिंसा से जुड़े हुए हैं, जिसमें महिला के पति और रिश्तेदारों द्वारा की गई हिंसा शामिल है. महिलाओं के अपहरण के मामलों में 17.6 प्रतिशत और बलात्कार की घटनाओं में भी 2020 के मुकाबले 7.4 प्रतिशत वृद्धि हुई है. इसी तरह साल 2021 में बच्चों के खिलाफ होने वाली हिंसा के 1 लाख 49 हजार 404 मामले दर्ज किए गए जो कि 2020 के 1 लाख 28 हजार 531 मामलों के मुकाबले 16 प्रतिशत ज्यादा है. साल 2021 में प्रति लाख बच्चों की आबादी पर दर्ज अपराध का प्रतिशत 33.6 है, जो कि 2020 में 28.9 प्रतिशत था.
महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा आत्महत्या
वहीं, अलग अलग कारणों से देश के लोगों द्वारा की जा रही आत्महत्या की घटनाएं भी 2020 के मुकाबले 2021 में 6 प्रतिशत से ज्यादा बढ़ी है. देश में 2020 में कुल 1 लाख 53 हजार 52 लोगों ने आत्महत्या की थी, जो कि 2021 में बढ़कर 1 लाख 64 हजार 33 हो गई है, जिसे आंकड़ो में 7.2 प्रतिशत की बढ़ोतरी माना जाएगा. साल 2021 में जिन 1 लाख 64 हजार 33 लोगों ने आत्महत्या की है, उनमे सबसे ज्यादा महाराष्ट्र में 22207, तमिलनाडु में 18925, मध्यप्रदेश में 14965, पश्चिम बंगाल में 13500 और कर्नाटक में 13056 आत्महत्या की घटनाएं सामने आईं हैं.
UP में सबसे कम आत्महत्या की घटना
देश के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में पूरे देश के मुकाबले सबसे कम आत्महत्या की घटना रिकॉर्ड हुई है, यूपी में पूरे देश की तुलना में 3.6 प्रतिशत आत्महत्या की घटनाएं सामने आई है. जबकि केंद्रशासित राज्यों में दिल्ली की आत्महत्या दर चौंकाने वाली है. यहां साल 2021 में 2840 लोगों ने आत्महत्या की है. वरिष्ठ नागरिकों (60 साल से ज्यादा उम्र के) के खिलाफ होने वाली हिंसा में भी साल 2021 में 5.3% की बढ़ोतरी हुई है. अनुसूचित जातियों (एससी) के खिलाफ अपराध के कुल 1,761 मामले दर्ज किए गए थे जो साल 2020 के 1485 मामले की तुलना 18.6% ज्यादा है, इसमे धमकी और बलात्कार शामिल है. अनुसूचित जनजाति के खिलाफ अपराध के 43 नए मामले 2021 में आए. वहीं, महिलाओं के प्रति होने वाले एसिड अटैक के मामलों में कमी आई है.
महिलाओं के प्रति होने वाले एसिड अटैक के मामलों में कमी
- साल 2019 में 249
- साल 2020 में 182
- साल 2021 में 176
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