दिल्ली से सटे हरियाणा राज्य के गुरुग्राम पुलिस की एसटीएफ ने एक हत्यारोपी को गिरफ्तार किया है, जो असल जिंदगी में तो विलेन था. इसके बाद भी अपनी पहचान छिपाकर वो क्षेत्रीय फिल्मों में हीरो का रोल कर रहा था. गिरफ्तार शख्स के ऊपर कत्ल करने का आरोप है. 30 साल तक यह शख्स देश की पुलिस को चमका देता रहा था. दोस्त को कत्ल करने के बाद से ही आरोपी फरार चल रहा था. आरोपी ओमप्रकाश पर साल 1986 में चोरी का मामला दर्ज हुआ था. उसमें वह फरारी काट रहा था.
15 जनवरी 1992 को भिवानी में अपने दोस्त को ही लूट के दौरान कत्ल कर दिया था. आरोपी ओमप्रकाश पर राजस्थान में भी दो आपराधिक मामले दर्ज पाए गए हैं. एसटीएफ द्वारा अब तक की गई पूछताछ में ओमप्रकाश ने और भी कई सनसनीखेज खुलासे किए हैं. जिनके बारे में हरियाणा पुलिस को पहले पता ही नहीं था. जैसे कि कत्ल के बाद वो सन् 2007 से यूपी के ग़ाजियाबाद में छिपकर टैक्सी भी काफी समय तक चलाता रहा था.
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ओमप्रकाश पर कई और अपराधिक मामले दर्ज
फरारी के दौरान आरोपी ने अपना नाम पता सबकुछ बदल डाला था. उसके बाद वह क्षेत्रीय फिल्मों में सह कलाकार के रूप में कई साल काम करता रहा. गुरुग्राम एसटीएफ के मुताबिक हत्यारोपी ओमप्रकाश उर्फ पासा ने सन् 1992 में भिवानी इलाके में दोस्त की हत्या की थी. आरोपी ओमप्रकाश पर कई और भी आपराधिक मामले दर्ज मिले हैं. पूछताछ में पुलिस को पता चला है कि आरोपी भारतीय सेना में भी नौकरी कर चुका है.
गुरुग्राम पुलिस की स्पेशल टास्क फोर्स के मुताबिक, सन् 1984 में आरोपी ओमप्रकाश भारती फौज के सिग्नल कॉर्प्स से गैर हाजिर हो गया था. उसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रख दिया. 1988 में ओमप्रकाश को सेना से बर्खास्त किया गया था. सेना से बर्खास्त होने के बाद तो ओमप्रकाश पूरी तरह से क्राइम की दुनिया में कूद गया.
28 फिल्मों में भूमिका निभा चुका है हत्यारोपी
अपराध की दुनिया से जब मन भर गया तो वह क्षेत्रीय भाषा की फिल्म बनाने वाले लोगों के संपर्क में जा पहुंचा. ओमप्रकाश पासा क्षेत्रीय फिल्मों में अभिनय करके अच्छी खासी कमाई करने लगा था. वहां उसे दाम और काम दोनों मिल रहे थे. गिरफ्तारी होने तक वह 28 फिल्मों मे भूमिका निभा चुकने का दावा कर रहा है. एसटीएफ अधिकारियों की माने तो हाल ही में आरोपी ने एक और क्षेत्रीय फिल्म साइन की थी. गिरफ्तारी के चलते अब उसकी इस फिल्म में काम करने का सपना टूट गया है.