आजादी मिले 75 साल होने को फिर भी कुछ ही लोगों को संविधान- कानून की जानकारी: CJI

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Cji Ramana

देश आजादी की वर्षगांठ का जश्न मनाने की तैयारी कर रहा है. जिसके तहत आजादी की 75वीं वर्षगांठ होने को लेकर इस बार देश में विशेष तैयारियां है. इसी कड़ी में केंद्र सरकार आजादी का अमृत महोत्सव मना रही है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश (CJI) एन वी रमण ने बुधवार को एक अहम टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आजादी के 75 साल बाद भी कुछ ही लोग संवैधानिक प्रावधानों और कानूनों के बारे में जानते हैं. साथ ही उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि जनता को अपने संवैधानिक अधिकारों और कर्तव्यों के बारे में पता होना चाहिए.

CJI रमण सुप्रीम कोर्ट केसेस (एससीसी) प्री-1969 के विमोचन का जश्न मनाने के लिए ईस्टर्न बुक कंपनी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर शामिल हुए थे. इस दौरान उन्होंने यह टिप्पणी की.

अदालत के फैसलों को सरल भाषा में लिखा जाए

CJI एनवी रमण ने अपने संबोधन में कहा कि न्याय अंतत: जनता के लिए है. उन्होंने कहा कि इसलिए अदालतों में न्यायाधीशों के निर्णय को सरल भाषा में लिखे जाने तथा उच्चतम न्यायालय एवं उच्च न्यायालय के अहम आदेशों को विधि पत्रिकाओं में क्षेत्रीय भाषाओं में प्रकाशित किए जाने की जरूरत है.

पश्चिम में स्कूली बच्चे भी अपना संविधान जानते हैं

CJI एनवी रमण ने देश के अंदर संविधान और कानून के बारे में जानने की स्थिति पर दुख जताते हुए कहा कि पश्चिमी देशों में एक छोटा स्कूली बच्चा भी अपने संविधान एवं कानूनों से अवगत है. साथ ही उन्होंने कहा कि हमें भी उस तरह की संस्कृति की आवश्यकता है.

CJI एनवी रमण ने आगे कहा कि वकीलों और जनता को संवैधानिक प्रावधानों और संविधान को जानना चाहिए. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि हम अब स्वतंत्रता के 75 वर्ष मना रहे हैं, लेकिन अभी भी शहरी क्षेत्रों में कुछ चुनिंदा लोग या कानूनी पेशेवर ही संवैधानिक अधिकारों एवं कर्तव्यों और संवैधानिक सिद्धांतों से अवगत हैं.

तत्काल सुनवाई के लिए वरिष्ठ वकील मामलों का उल्लेख नहीं करें

वहीं CJI एनवी रमण ने कहा कि केवल एडवोकेट-ऑन-रिकॉर्ड या कनिष्ठ सहयोगी ही तत्काल सुनवाई के लिए मामलों का उल्लेख करें. CJI एनवी रमना ने बुधवार को एक वरिष्ठ अधिवक्ता को तत्काल सूची के लिए मामलों का उल्लेख करने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. CJI ने कहा कि वह अपने सामने मामलों का उल्लेख करने वाले वरिष्ठ वकील की प्रथा को हतोत्साहित करना चाहते हैं. पहले एक अवसर पर, CJI रमण ने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट में एक उल्लेख अधिकारी होने का कारण यह सुनिश्चित करना था कि वरिष्ठ वकील को उल्लेख करने पर प्राथमिकता न मिले.

CJI ने पहले कहा था था कि हम सीनियर्स को कोई विशेष प्राथमिकता नहीं देना चाहते हैं, और जूनियर्स को उनके अवसरों से वंचित करना चाहते हैं. इसलिए यह व्यवस्था बनाई गई, जहां सभी उल्लेख करने वाले रजिस्ट्रार के समक्ष उल्लेख कर सकते हैं.

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