
पाकिस्तान की ओर से भारतीय क्षेत्र में ड्रोन के जरिए लगातार घुसपैठ करने की कोशिश की जाती है. हालांकि मुस्तैद सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के जवान पाकिस्तान की हरकतों को कामयाब नहीं होने देते. कई बार भारतीय क्षेत्र में संदिग्ध ड्रोन को देखे जाने के बाद कार्रवाई होने पर वे वापस लौट जाते हैं. इस बीच बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि इस साल पंजाब में पाकिस्तान से भारतीय क्षेत्रों में ड्रोन के घुसने की करीब 110 घटनाएं हुई हैं, लेकिन “प्रभावी” एंटी-ड्रोन तकनीक नहीं होने की वजह से केवल छह को ही मार गिराया जा सका.
पाकिस्तान की ओर से पंजाब में हथियारों, विस्फोटकों और नशीले पदार्थों की तस्करी के लिए ड्रोन के इस्तेमाल किए जाने की घटनाएं हाल के दिनों में काफी बढ़ गई हैं, खासकर दोनों देशों के बीच अंतरराष्ट्रीय सीमा से लगे इलाकों में.
5 मिनट तक भारतीय क्षेत्र में रहा ड्रोन
पंजाब के गुरुदासपुर जिले के डेरा बाबा नानक इलाके में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात को पाकिस्तानी ड्रोन की आवाज सुनाई दी. और यह ड्रोन कथित तौर पर सीमा पार वापस लौटने से पहले पहले करीब पांच मिनट तक भारतीय क्षेत्रों में बना रहा.
इस संबंध में जानकारी देते हुए बीएसएफ सेक्टर गुरुदासपुर के उपमहानिरीक्षक (डीआईजी) प्रभाकर जोशी ने बताया, “ड्यूटी पर तैनात कर्मियों को पाक से आए ड्रोन दिखाई दिया, इसके बाद बीएसएफ की 73 बटालियन के जवानों ने 44 राउंड फायर की और 2 हल्के बम भी दागे. इस पोस्ट के सामने पाकिस्तान की नई जाफना पोस्ट है. उन्होंने कहा कि जवाबी कार्रवाई के बाद यह पीछे हटने में कामयाब रहा. इसके बाद क्षेत्र में सर्च ऑपरेशन चलाया गया.
डीआईजी जोशी ने कहा कि मंगलवार सुबह स्थानीय पुलिस और खोजी कुत्तों की मदद से बीएसएफ ने बड़े पैमाने पर तलाशी अभियान चलाया, लेकिन कुछ भी संदिग्ध नहीं मिला.
वेबसाइट हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, मामले से परिचित बीएसएफ अधिकारियों ने बताया कि यह इस साल गुरुदासपुर सेक्टर में देखा गया ड्रोन से जुड़ा 22वां मामला था. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “जब तक हमारे पास किसी तरह की प्रभावी ड्रोन रोधी तकनीक नहीं होगी, तब तक ड्रोन को मार गिराने की संभावना बहुत कम होगी.” उन्होंने आगे कहा, “हम पिछले करीब एक साल से एंटी-ड्रोन तकनीक की टेस्टिंग कर रहे हैं, लेकिन एक खास फ्रीक्वेंसी पर काम करने वाली यह तकनीक अब तक प्रभावी नहीं पाई गई है.”
ISI और चीन की मिलीभगत से भारत आ रहे ये ड्रोन्स
अधिकारी ने बताया कि बीएसएफ ने इस साल पंजाब सीमा से करीब छह ड्रोन जब्त किए हैं. उन्होंने कहा, “लेकिन हम यह नहीं बता सकते कि यह बरामदगी पूरी तरह से ट्रायल बेस्ड एंटी-ड्रोन तकनीक के आधार पर की गई थी. उनमें से ज्यादातर ड्रोन को हमारे जवानों ने मार गिराया है.”
उन्होंने कहा, “पाकिस्तान स्थित स्मगलर बहुत चालाक हैं, जो देश की खुफिया एजेंसी (ISI) और चीन की मिलीभगत से काम कर रहे हैं. पाकिस्तानी स्मगलरों द्वारा इस्तेमाल किए जा रहे अधिकांश ड्रोन को एकत्र किया जा रहा है.” उन्होंने आगे कहा, “वे कंपनियों द्वारा बनाए गए ड्रोन का उपयोग नहीं कर रहे हैं, जिनकी कुछ फिक्स फ्रिक्वेंसी होती है. हमारी एंटी-ड्रोन तकनीक में अलग-अलग फ्रीक्वेंसी पर उड़ने वाले इन असेंबल किए गए ड्रोनों के पाए जाने की संभावना बहुत कम है. इनसे निपटने के लिए हमें एक प्रभावी ड्रोन रोधी तकनीक की जरूरत है.”
उन्होंने कहा कि ज्यादातर ड्रोन रात में तस्करी के लिए भारत की सीमा में घुसने की कोशिश करते हैं. वर्तमान में, हमारी सुरक्षा बल मानव रहित हवाई वाहनों (यूएवी) पर निर्भर हैं. साथ ही यह भी कहा कि बीएसएफ और पंजाब पुलिस के बीच बेहतर तालमेल की भी सख्त जरूरत है.
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