
अफगानिस्तान से दो बच्चों समेत 55 सिखों और हिंदू शरणार्थियों का अंतिम जत्था रविवार की शाम को दिल्ली पहुंचा. आम आदमी पार्टी (AAP) के सांसद विक्रमजीत सिंह साहनी ने जत्थे के आगमन के बारे में बताया कि 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था दिल्ली पहुंच गया है. साहनी ने ट्वीट कर कहा, ‘भगवान की कृपा से 55 सिखों एवं हिंदुओं का आखिरी जत्था अफगानिस्तान से सुरक्षित नई दिल्ली पहुंच गया. विदेश मंत्रालय को धन्यवाद, जिसने ई-वीजा जारी कर उन्हें वहां से लाने में मदद की. एसजीपीसी को भी धन्यवाद. हम लोग ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ कार्यक्रम के तहत उनका पुनर्वास करेंगे.’
उन्होंने बताया कि वर्तमान में 43 हिंदू और सिख अफगानिस्तान में रह रहे हैं और 9 ई-वीजा आवेदन अभी भी केंद्र के पास लंबित हैं. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय ने इससे पहले शरणार्थियों के इस ‘अंतिम जत्थे’ का ई-वीजा मंजूर किया था. राज्यसभा सदस्य साहनी ने इससे पहले एक बयान में कहा था कि इन सभी को लाने के लिए अमृतसर स्थित शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (एसजीपीसी) ने एक विशेष विमान की व्यवस्था की. ‘सन फाउंडेशन’ और ‘वर्ल्ड पंजाबी आर्गेनाइजेशन’ के अध्यक्ष साहनी ने पूर्व में कहा था, ‘हम वहां फंसे इस आखिरी जत्थे को निकालने के लिए विदेश मंत्रालय के साथ लगातार संपर्क में हैं.’
With the grace of god, the last batch of 55 Sikhs and Hindu refugees from #Afghanistan landed in New Delhi safely Thanks to @MEAIndia for issuing E vizas & facilitating evacuation.We will rehablitate them under our programme#MyFamilyMyResponsibilty
Also Thanks to @SGPCAmritsar pic.twitter.com/ytjec1IhVE— Vikramjit Singh MP (@vikramsahney) September 25, 2022
उन्होंने यह भी कहा था कि उनके संगठन के ‘मेरा परिवार, मेरी जिम्मेदारी’ कार्यक्रम के तहत, 543 अफगान सिख और हिंदू परिवारों को पहले ही पश्चिमी दिल्ली में पुनर्वासित किया जा चुका है. साहनी ने कहा कि पश्चिम दिल्ली के अर्जुन नगर में स्थित गुरुद्वारे में शरणार्थियों का स्वागत करने के लिए एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया. यह पहली बार नहीं जब अफगानिस्तान से सिख और हिंदू शरणार्थी यहां आए हैं. इससे पहले सिख और हिंदू यहां लाए जा चुके हैं. दरअसल, अफगानिस्तान में सिख और हिंदू परिवारों पर लगातार हो रहे हमले की वजह से भारत सरकार ने इनके विस्थापन की योजना बनाई थी. सरकार ने वहां फंसे परिवारों को भारत लाने के लिए ई वीजा देकर विस्थापन की राह आसान कर दी है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
दोआब (Doab) किसे कहते हैं? और जानिए भारत के दोआब क्षेत्रों के बारे में