
लगातार बारिश और फिर बाढ़ की वजह से कई दिनों तक परेशान रहने बेंगलुरू में इसकी वजह तलाशने को लेकर काम शुरू हो गया है. अब शहर के पूर्वी बेंगलुरू के एक प्रतिष्ठित टेक पार्क ने नाले पर अतिक्रमण कर इमारत बनाने की बात स्वीकार कर ली है, लेकिन इसके लिए पूर्वा पार्क्रिज के बिल्डर पूर्वांकर को दोषी ठहराया. दि बागमाने वर्ल्ड टेक्नोलॉजी सेंटर जिसे शहर के जाने-माने डेवलपर बागमाने ग्रुप द्वारा तैयार किया गया था, और यह उन 15 बड़े नामों में से एक है, जिन्होंने कथित तौर पर नालों का अतिक्रमण कर उस पर इमारतें खड़ी कर दी, और इन्हीं वजहों से शहर के कुछ हिस्सों में भीषण बाढ़ आई थी.
यही नहीं इसके अतिरिक्त निकटवर्ती पूर्वांकर पुरवारिज क्षेत्र के दो विला को भी नगर निगम की ओर से दोषी पाया गया, जिसने बुधवार को मौके पर दूसरा सर्वे किया. पूर्वी बेंगलुरु में आईटी कॉरिडोर के साथ स्थित दि बागमाने वर्ल्ड टेक्नोलॉजी सेंटर जो बाढ़ से बुरी तरह प्रभावित क्षेत्र था, ने नाले पर करीब 2.4 मीटर तक अतिक्रमण कर लिया था. वेबसाइट एनडीटीवी के अनुसार, बागमाने के महाप्रबंधक जीपी चक्रवर्ती ने कहा, “हां, हमने स्ट्रोम वाटर ड्रेन को स्लैब से ढक दिया था.” इस टेक पार्क में बोइंग, एक्सेंचर, ईवाई, डेल और एरिक्सन जैसे दिग्गज कंपनियों के ऑफिस हैं.
‘अतिक्रमण के लिए बिल्डर दोषी’
उन्होंने आगे कहा, “हमने ऐसा केवल महादेवपुरा झील से पानी के वापस प्रवाह को रोकने के लिए किया था. अगर हमने ऐसा नहीं किया होता, तो बागमाने में बाढ़ आ जाती. इसके लिए पूर्वांकर पुरवारिज विला मुख्य दोषी हैं. उन्होंने पानी के नाले को ढक दिया.”
पूर्वांकर पुरवा पार्क रिज में 149 विला हैं, जिनमें से प्रत्येक में तीन या चार बेडरूम हैं. इनमें से दो विला – टेक पार्क की चारदीवारी के ठीक सामने – पानी निकासी के लिए बने नालियों पर करीब 2.5 मीटर तक अतिक्रमण कर लिया गया था.
इससे पहले बेंगलुरु के नगर निकाय ने कई अवैध ढांचों की पहचान की है जिन्हें नालों पर बनाया गया है. इसकी वजह से हाल में शहर को, खासतौर पर सूचना प्रौद्योगिकी (आईटी) गलियारे और अहम सड़कें के आसपास भीषण बाढ़ का सामना करना पड़ा था. अतिक्रमण विरोधी अभियान की गूंज बुधवार को राज्य विधानसभा में भी सुनाई दी और मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई ने सदन में जोर दिया कि नालों को अतिक्रमण से मुक्त कराने के अभियान के दौरान किसी से भी कोई भेदभाव नहीं किया जाएगा.
बाढ़ की वजह से बढ़ी समस्या
बृहद बेंगलुरु महानगरपालिका (बीबीएमपी) में सहायक कार्यकारी अभियंता के मुताबिक बेगमाने टेकपार्क, विप्रो, पूर्वा पैराडाइज ने महादेवपुरा जोन में कई जगह पर नालों पर कथित तौर पर अतिक्रमण किया है. महादेवपुरा जोन में बाढ़ की वजह से सबसे अधिक समस्या हुई थी.
सहायक कार्यकारी अभियंता (एईई) के मुताबिक रियल एस्टेट कंपनी आरबीडी अन्य प्रमुख अतिक्रमणकर्ता है जिसने जन्नासंद्रा, हलनायकनहल्ली और डोडाकन्नाहल्ली में अतिक्रमण किया. इसके साथ ही इकोस्पेस ने बेल्लांदुर में तथा गोपालन ग्रुप ने हूडी और बेल्लांदुर में अतिक्रमण किया है. बेल्लांदुर शहर की सबसे बड़ी झील है जो अतिक्रमण की वजह से सिमट गई है. अन्य कथित अतिक्रमणकर्ताओं में आदर्श, कोलंबिया एशिया अस्पताल, न्यू होराइजन कॉलेज, आदर्श रीट्रीट, एप्सिलोन, दिव्यश्री, प्रेसटीज, सलारपुरिया और नालापाद शामिल हैं.
बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त तुषार गिरि नाथ ने बताया कि निकाय सबसे पहले उन इमारतों के मालिकों को नोटिस देगा, जिन्होंने नालों पर अतिक्रमण किया है और उनके जवाब के बाद उचित कार्रवाई की जाएगी. मुख्यमंत्री बोम्मई ने विधानसभा में कहा कि बीबीएमपी के मुख्य आयुक्त और अन्य अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि वे किसी दबाव में नहीं आएं.
अतिक्रमण हटाने में जुटा बीबीएमपी
भारी बारिश की वजह से बाढ़ आने से करीब दो हफ्ते पहले 17 अगस्त को नाला प्रकोष्ठ के एईई ने अपने उच्च अधिकारियों को प्रभावशाली लोगों द्वारा नालों पर अतिक्रमण के प्रति आगाह किया था. सरकारी अधिकारियों के मुताबिक नालों पर किए गए 1,953 अतिक्रमण में से करीब 1,300 अतिक्रमण को हटा दिया गया हैं. उन्होंने बताया, हालांकि, बीबीएमपी करीब 630 अतिक्रमण स्थलों को मुक्त नहीं करा पाया है क्योंकि उन पर आवासीय इमारतें, अपार्टमेंट, फर्म, स्कूल और अस्पतालों का निर्माण हो चुका है.
बीबीएमपी अधिकारियों के मुताबिक शहर के बड़े नालों की कुल लंबाई करीब 860 किलोमीटर है जिनमें प्रमुख नालों की चौड़ाई करीब 60 फुट है लेकिन अतिक्रमण की वजह से यह 10 या 20 फुट चौड़ी रह गई हैं. इस बीच, बीबीएमपी का अतिक्रमण रोधी अभियान बुधवार को लगातार तीसरे दिन जारी रहा.
इनपुट-एजेंसी/भाषा
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