सीमा सुरक्षा बल (BSF) ने आंसू गैस के गोले गिराने वाला एक ड्रोन सिस्टम डेवलप किया है, जिसका इस्तेमाल पुलिस दंगाइयों और प्रदर्शनकारियों को कंट्रोल करने के लिए कर सकती है. बीएसएफ के एक वरिष्ठ अधिकारी ने शुक्रवार को इसकी जानकारी दी. अधिकारी ने बताया कि ‘ड्रोन टीयर स्मोक लांचर’ का इस्तेमाल ड्रोन से आंसू गैस के गोले गिराने के लिए किया जा सकता है. अधिकारी ने कहा कि यह सिस्टम कानून-व्यवस्था को बरकरार रखने में सुरक्षा बलों के लिए काफी मददगार साबित हो सकती है.
बीएसएफ के एक प्रवक्ता ने कहा कि नया ड्रोन सिस्टम का हाल ही में मध्य प्रदेश के टेकनपुर में बल की ‘टियर स्मोक यूनिट’ (टीएसयू) में टेस्ट किया गया था. उन्होंने कहा कि बीएसएफ महानिदेशक पंकज कुमार सिंह की अध्यक्षता में दिल्ली में आयोजित स्पेशल यूनिट की एनुअल गवर्निग बॉडी की बैठक में इसके बारे में जानकारी दी गई थी. टीएसयू को 1976 में बीएसएफ के तहत स्थापित किया गया था और यह केंद्रीय और राज्य पुलिस बलों को आंसू गैस के गोले की सप्लाई करता है.
BSF ने जारी किया वीडियो
बल द्वारा साझा किए गए वीडियो में मैटल के एक पिंजरे में रखे गए आंसू गैस के 6 गोलों को ड्रोन के जरिए हवा से निर्धारित स्थान पर गिराते देखा जा सकता है. सीमा सुरक्षा बल को खासतौर से पाकिस्तान और बांग्लादेश के साथ जुड़ी भारतीय सीमाओं की सुरक्षा के लिए तैनात किया जाता है. इसके अलावा, बल देश की आंतरिक सुरक्षा के क्षेत्र में भी कई तरह की भूमिका निभाते हैं.
TSU R&D team has developed a 'Drone Tear Smoke Launcher' for dropping TSMs from UAV/Drone which will be a potential force multiplier to the Security Forces in law-and-order management. #BSF pic.twitter.com/BDwZR7Ck42
— BSF (@BSF_India) September 2, 2022
भारत की विदेशी हथियारों पर निर्भरता हुई कम
इस बैठक के दौरान बीएसएफ के महानिदेशक पंकज कुमार ने TSU की प्रशंसा की. क्योंकि टीएसयू ने पुलिस और सुरक्षाबलों के लिए अलग-अलग तरह के गैर-घातक हथियारों को लाने का काम किया. कुमार ने कहा, ‘इन चीज़ों के स्वदेशी उत्पादन ने भारत की विदेशी हथियारों पर निर्भरता को काफी कम कर दिया है.’ बीएसएफ के प्रवक्ता ने बताया कि टीएसयू कई और लैक्रिमेटरी युद्ध सामग्री, फ्लैश-बैंग शेल, प्रभाव युद्ध सामग्री और कस्टमाइज प्रोडक्ट का स्पेशल ऑपरेशन के लिए उत्पादन करता है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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