
मिजोरम के मुख्यमंत्री जोरमथंगा ने गुरुवार को दिल्ली में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और पिछले साल पड़ोसी देश म्यांमार में सेना के सत्ता में आने के बाद वहां से लोगों के राज्य में आने को लेकर उत्पन्न स्थिति पर चर्चा की. जोरमथांगा ने यह भी कहा कि केंद्रीय गृह मंत्री नवंबर में मिजोरम का दौरा करेंगे और आइजोल से लगभग 15 किलोमीटर दूर जोखवासंग में असम राइफल्स बेस का उद्घाटन करेंगे.
मुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक इंस्टाग्राम अकाउंट पर एक पोस्ट में कहा, ‘मैंने गुरुवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात करके म्यांमार के राजनीतिक संकट तथा पड़ोसी देश से शरणार्थियों के आने पर चर्चा की.’
उन्होंने कहा कि केंद्रीय मंत्री ने म्यांमार और भारत में म्यांमार के शरणार्थियों की स्थिति का भी जायजा लिया. आधिकारिक सूत्रों ने कहा कि पिछले साल फरवरी में सेना के सत्ता में आने के बाद से म्यांमार के 30,000 से अधिक नागरिकों ने मिजोरम के विभिन्न हिस्सों में शरण ली है.
भारत में शरण ले रहे म्यांमार के हजारों लोग
म्यांमार से हजारों की संख्या में लोग भारत में शरण ले रहे हैं. भारत के मिजोरम में अब तक हजारों की संख्या में लोग दाखिल हो चुके हैं. पिछले महीने मिजोरम के एक स्थानीय नेता ने इसकी जानकारी दी थी. जोखावथर ग्राम परिषद के अध्यक्ष लालमुआनपुइया ने समाचार एजेंसी पीटीआई को बताया था कि रविवार से म्यांमा से सैकड़ों लोग मिजोरम में प्रवेश कर चुके हैं.
तख्तापलट के बाद म्यांमार की स्थिति खराब
बता दें कि फरवरी 2021 में म्यांमा में सेना की ओर से किए गए तख्तापलट के बाद से वहां की स्थिति लगातार खराब होती जा रही है. म्यांमार में भी श्रीलंका और पाकिस्तान जैसे आर्थिक संकट के हालात बनते जा रहे हैं. यहां भी विदेशी मुद्रा भंडार में तेजी से कमी आई है.
फरवरी 2021 के तख्तापलट के बाद पश्चिमी देशों की ओर से लगी पाबंदियों के कारण इसका विदेशी ऋण बढ़ गया है और कोरोना महामारी ने देश की अर्थव्यवस्था को बुरी तरह से प्रभावित किया है.
(भाषा से इनपुट के साथ)
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