केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कुछ सड़क दुर्घटनाओं के लिए त्रुटिपूर्ण परियोजना रिपोर्ट को सोमवार को जिम्मेदार ठहराया और कहा कि कंपनियों को राजमार्गों एवं अन्य सड़कों के निर्माण से जुड़ी विस्तृत परियोजना रिपोर्ट तैयार करने के लिए उचित प्रशिक्षण की आवश्यकता है. सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि सरकार नई प्रौद्योगिकियों के उपयोग को बढ़ावा दे रही है. गडकरी खुलकर अपने विचार व्यक्त करने के लिए जाने जाते हैं. उन्होंने कहा, कंपनियों द्वारा तैयार की गईं कुछ डीपीआर (विस्तृत परियोजना रिपोर्ट) अत्यधिक खराब हैं और सड़क दुर्घटनाओं के लिए जिम्मेदार हैं.’
उन्होंने डीपीआर तैयार करने वाली कंपनियों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करने की आवश्यकता पर बल दिया. गडकरी ने कहा, ‘शुरुआत वहां (डीपीआर) से करो. अगर वो (कंपनी) नहीं सुधरेंगी, तो पूरा तुम्हारा सत्यानाश हो जाएगा. उन्होंने हल्के-फुल्के अंदाज में कहा कि यदि नयी मर्सिडीज कार का चालक अनाड़ी हो तो उस स्थिति में भी समस्या पैदा हो सकती है.
साइरस मिस्त्री की सड़क हादसे में हुई थी मौत
गडकरी ने सड़क परियोजनाओं में देरी के कारणों की पहचान करने पर जोर दिया क्योंकि देरी के कारण निर्माण की बढ़ती लागत भी एक महत्वपूर्ण चिंता का विषय है. टाटा संस के पूर्व चेयरमैन साइरस मिस्त्री की रविवार को एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. उनकी कार महाराष्ट्र के पालघर जिले में डिवाइडर से टकरा गई थी.
2021 में 1.55 लाख से अधिक लोगों ने गंवाई जान
राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, 2021 में पूरे भारत में सड़क दुर्घटनाओं में 1.55 लाख से अधिक लोगों की जान चली गई. इस तरह औसतन रोजाना 426 या हर घंटे में 18 लोगों की मौत हुई जो अब तक किसी भी कैलेंडर वर्ष में दर्ज सर्वाधिक मौत का आंकड़ा है.
गृह मंत्रालय के तहत काम करने वाले एनसीआरबी की रिपोर्ट से पता चलता है कि पिछले साल दुर्घटनाओं के कारण होने वाली मौतों की संख्या भले ही सर्वाधिक थी, लेकिन पूर्व के वर्षों की तुलना में सड़क दुर्घटनाओं और घायल लोगों की संख्या में कमी दर्ज की गई.
कुछ राज्यों में सड़क निर्माण की खराब गुणवत्ता पर चिंता व्यक्त करते हुए गडकरी ने कहा कि राज्य सरकारें हर साल सड़कों की मरम्मत के लिए 10,000-15,000 करोड़ रुपये खर्च कर रही हैं. उन्होंने कहा, ‘हर दो-तीन साल में हम सड़कों के रखरखाव पर पैसा खर्च कर रहे हैं.हम अपना पैसा क्यों बर्बाद कर रहे हैं.’
(भाषा से इनपुट)
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