
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) शुक्रवार को गुजरात के एकता नगर में आयोजित होने वाले विभिन्न राज्यों के पर्यावरण मंत्रियों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का उद्घाटन करेंगे. प्रधानमंत्री कार्यालय (PMO) की ओर से जारी एक बयान के मुताबिक, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस अवसर पर वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से वहां उपस्थित जनसमूह को भी संबोधित करेंगे. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि राज्यों के नीति निर्माताओं के इस तरह के राष्ट्रीय सम्मेलनों में मोदी की भागीदारी एक नए भारत की ओर बढ़ता कदम है. प्रधानमंत्री तरफ से इस बात का जानबूझ कर प्रयास किया जाता है कि सहकारी संघवाद एवं ‘टीम इंडिया’ की भावना को दिखाते हुए राज्य के नेताओं के विचारों को सुना जा सके.
सूत्रों ने अपनी बात के पक्ष में ऐसे कई उदाहरण दिए. उन्होंने कहा कि गत 10 सितंबर को, प्रधानमंत्री मोदी ने अहमदाबाद में ‘केंद्र-राज्य विज्ञान सम्मेलन’ का उद्घाटन वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से किया था. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री ने 25 अगस्त को सभी राज्यों एवं केंद्रशासित प्रदेशों के श्रम मंत्रियों के राष्ट्रीय श्रम सम्मेलन को भी संबोधित किया था. सूत्रों ने कहा कि वह 16 जून को मुख्य सचिवों के दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन में भाग लेने के लिए धर्मशाला गए थे. उन्होंने कहा कि यह एक ऐसा पहला सम्मेलन था, जहां प्रधानमंत्री ने विभिन्न नीतियों के बेहतर क्रियान्वयन के लिए देश के वरिष्ठतम नौकरशाहों के साथ विचार-विमर्श किया था. सूत्रों ने कहा कि मोदी ने 30 अप्रैल को मुख्यमंत्री और उच्च न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों के संयुक्त सम्मेलन का भी उद्घाटन किया था.
सहकारी संघवाद की भावना को आगे ले जाते हुए प्लास्टिक प्रदूषण को रोकने और लाइफ स्टाइल फॉर एनवायरन्मेंट (लाइफ) को ध्यान में रखते हुए जलवायु परिवर्तन की चुनौती का प्रभावी मुकाबला करने से जुड़े विषयों पर चर्चा की जाएगी. इसके साथ ही प्लास्टिक कचरा प्रबंधन, वन्यजीव और वन प्रबंधन के मुद्दों पर राज्यों की कार्य योजनाओं जैसे मुद्दों पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच और अधिक तालमेल बनाने के लिए इस सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है.
इन विषयों पर रहेगा खास जोर
बयान में कहा गया कि सम्मेलन में वन्यजीव संरक्षण पर विशेष जोर देने के साथ ही वन क्षेत्र बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा. 23 और 24 सितंबर को आयोजित होने वाले इस दो दिवसीय सम्मेलन में छह सत्र होंगे. इनमें लाइफ, जलवायु परिवर्तन की चुनौतियां, पर्यावरण परियोजनाओं के लिए एकल खिड़की निकासी सुविधा से जुड़ी परिवेश योजना, वन प्रबंधन, प्रदूषण नियंत्रण व रोकथाम, वन्यजीव प्रबंधन और प्लास्टिक और कचरा प्रबंधन जैसे विषयों को शामिल किया गया है.
(भाषा इनपुट के साथ)
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