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विदेश मंत्री एस जयशंकर ने आज शुक्रवार को मुंबई में आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने के मामले में ढिलाई बरतने को लेकर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद पर जमकर भड़ास निकाली. उन्होंने कहा कि 26/11 आतंकी हमलों के मुख्य साजिशकर्ता और उसकी योजना बनाने वाले अब भी सुरक्षित हैं और उन्हें सजा तक नहीं दी गई है. उन्होंने यह भी कहा कि जब कुछ आतंकवादियों पर प्रतिबंध लगाने की बात आती है तो कुछ मामलों में यूएनएससी राजनीतिक कारणों से कार्रवाई करने में नाकाम रही है.
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के दो दिवसीय आतंकवाद रोधी सम्मेलन को संबोधित करते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने 26/11 हमलों को याद किया, इस दौरान उन्होंने कहा कि मुंबई आतंकी हमलों में जो लोग आरोपी थे उन्हें भारत लाने का काम अधूरा रह गया है. उन्होंने कहा, ’14 साल पहले मुंबई में हमारे सामने सबसे भीषण आतंकी हमला हुआ था. इस हमले में 140 भारतीय लोगों के साथ 26 नागरिक जो कि 23 अन्य देशों के रहने वाले थे, की जान चली गई थी.
जयशंकर के साथ कार्यक्रम में शामिल गबोन के विदेश मंत्री और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अध्यक्ष माइकल मूसा ने यहां ताज महल पैलेस होटल में 26/11 आतंकी हमले में जान गंवाने वाले लोगों को श्रद्धांजलि दी. जयशंकर ने कहा कि स्तब्ध करने वाला यह आतंकी हमला केवल मुंबई पर ही नहीं बल्कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय पर हुआ आतंकी हमला था.
पूरी मुंबई को बनाया था निशाना
बल्कि इस दौरान पूरा शहर एक तरह से स्थिर रहा गया था, जब सीमा पार से आतंकियों ने यह साजिश रची थी.’ यह विशेष सम्मेलन मुंबई के ताज होटल में किया जा रहा है जो कि 26/11 का मुख्य केंद्र था. इस हमले में मुंबई शहर को ही एक तरह से बंधक बना लिया गया था. इस हमले के दौरान पूरे शहर को ही बंधक बना लिया गया था. शहर के उन आम लोगों की भी इस हमले में निशाना बनाया गया था जो कि अपने रोजमर्रा के काम कर रहे थे.
आतंकी दे रहे खुले तौर पर चुनौती
यह हमला सिर्फ मुंबई पर नहीं था बल्कि यह हमला पूरी इंटरनेशनल कम्यूनिटी पर किया गया था. पकड़े गए आतंकी कुछ विशेष देशों के पाए गए हैं. यह सीधे तौर पर संयुक्त राष्ट्र के सदस्य देशों के लिए खुले तौर पर एक चुनौती की तरह है. उन्होंने कहा, ‘हमने जब से, इस हमले के मास्टरमाइंड और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाने का प्रयास किया है. यह काम अधूरा रह गया है.’
क्या है यूएनएससी सीटीसी?
- यह संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की खास पहल है, जिसका उद्देश्य सिर्फ आतंकवाद को लेकर काम करना है.
- इसका पूरा नाम आतंकवाद निरोधक समिति है, जिसे अंग्रेजी में Counter-Terrorism Committee (CTC) कहा जाता है.
- संयुक्त राष्ट्र सीटीसी में सुरक्षा परिषद के 15 सदस्य हैं, जिसकी शुरुआत 28 सितंबर 2001 को की गई थी.
- संयुक्त राष्ट्र चार्टर के चैप्टर VII के अनुसार, सुरक्षा परिषद ने संयुक्त राष्ट्र के देशों में आतंकवाद विरोधी उपायों को लागू करने का संकल्प लिया था.
- यह कमेटी हर देश के साथ सीधी बातचीत कर जो संकल्प लिया गया है, उस पर काम करती है.
- सीटीसी हर देश से मिलने वाली रिपोर्ट की जांच करती है और उनकी प्रतिक्रियाओं के आधार पर उसका विश्लेषण करते हुए आतंक प्रभावित जगहों की पहचान करती है और वहां उन देशों के साथ मिलकर सुधार लाने पर काम करती है.
- यह सिर्फ आतंकवाद से जुड़े मुद्दे पर काम करती है और आतंकवाद पर रोक लगाने का हरसंभव प्रयास करती है.
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