कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के दो साल पूरे होने के मौके पर शनिवार को किसान संघ देश भर में राजभवनों तक मार्च निकालेंगे. किसान नेताओं ने शुक्रवार को कहा कि सरकार ने कई मांगें पूरी नहीं की हैं. इसलिए इस मार्च के जरिए किसान विरोध दर्ज कराएंगे. किसान नेताओं ने दावा किया कि सरकार ने उन्हें लिखित में दिया था कि वह चर्चा करके फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) के लिए कानून लाएगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं किया गया.
दरअसल पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के हजारों किसानों ने तीन कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग को लेकर एक साल से अधिक समय तक दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन किया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले साल नवंबर में तीनों कानूनों को रद्द करने की घोषणा की थी. इसके बाद आंदोलन खत्म कर दिया गया था. संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के नेता हन्नान मोल्लाह ने बताया, ‘उन्होंने हमें लिखित आश्वासन दिया गया और कई मांगों पर सहमति जताई गई लेकिन कुछ भी नहीं किया गया.’
‘सरकार ने किसानों को धोखा दिया’
मोल्लाह ने कहा, ‘सरकार ने साबित कर दिया है कि वह देशद्रोही है और उसने देश के किसानों को धोखा दिया है. वे कॉरपोरेट्स की रक्षा कर रहे हैं. उन्होंने साबित कर दिया है कि हमारी मांगों को पूरा करने का उनका कोई इरादा नहीं है.’ मोल्लाह शनिवार को विरोध मार्च में शामिल होने के लिए लखनऊ में मौजूद हैं. वहीं,पंजाब में 33 किसान संघ कृषि कानूनों के खिलाफ हुए आंदोलन की दूसरी वर्षगांठ के अवसर पर शनिवार को राज्यपाल के आवास तक होने वाले संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) के मार्च में भाग लेंगे.
राजभवन तक निकालेंगे मार्च
एसकेएम ने केंद्र सरकार पर लंबित मांगें पूरी नहीं करने का आरोप लगाते हुए 26 नवंबर को देश भर में राजभवन तक मार्च निकालने की घोषणा की थी. 26 नवंबर 2020 को कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन शुरू हुआ था. हालांकि बाद में इन कृषि कानूनों को रद्द कर दिया गया. कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान संघों के संगठन एसकेएम के वरिष्ठ नेता गुरुवार को मोहाली में एकत्र हुए थे. उन्होंने मोहाली से लेकर चंडीगढ़ में राजभवन तक मार्च निकालने के लिए एक समिति का गठन किया था.
जोगिंदर सिंह उगराहां, दर्शन पाल और हरिंदर सिंह लाखोवाल समेत एसकेएम नेताओं ने प्रदर्शन मार्च और राज्यपाल को सौंपे जाने वाले ज्ञापन के संबंध में रणनीति पर चर्चा की. एसकेएम नेताओं ने बताया कि मार्च निकालने से पहले 33 किसान संगठनों के सदस्य गुरुद्वारा श्री अंब साहिब में इकट्ठा होंगे और वहां रैली करेंगे.
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(एजेंसी इनपुट के साथ)