राजीव गांधी हत्याकांड में दोषी रविचंद्रन बोला- उत्तर भारत के लोग हमें आतंकी नहीं, पीड़ित की तरह देखें

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Rajiv Gandhi Assassination Case Convicts Released

सुप्रीम कोर्ट ने राजीव गांधी हत्याकांड में करीब तीन दशक से उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी श्रीहरन समेत पांच अन्य दोषियों को समय से पहले रिहा करने का निर्देश दिया. उनमें से एक आरपी रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोगों को उन्हें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ित के रूप में देखना चाहिए. उन्होंने कहा कि समय उन्हें निर्दोष की तरह देखेगा. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की 21 मई 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरम्बुदूर में चुनावी रैली के दौरान एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी.

नलिनी के अलावा उसके पति वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन, आर.पी. रविचंद्रन, संतन, रॉबर्ट पायस और जयकुमार को रिहा किया गया. श्रीहरन, संतन, रॉबर्ट और जयकुमार श्रीलंकाई नागरिक हैं जबकि नलिनी और रविचंद्रन तमिलनाडु से ताल्लुक रखते हैं. मदुरै सेंट्रल जेल से रिहा होने के बाद रविचंद्रन ने कहा कि उत्तर भारत के लोगों को हमें आतंकवादियों या हत्यारों के बजाय पीड़ितों के रूप में देखना चाहिए. समय और शक्ति निर्धारित करती है कि कौन आतंकवादी या स्वतंत्रता सेनानी है लेकिन समय हमें निर्दोष के रूप देखेगा. जबकि हमारे ऊपर आतंकवादी होने का दाग लग चुका है.

एजी पेरारीवलन को सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था

नलिनी और रविचंद्रन ने जेल से रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इसके आधार में उन्होंने एजी पेरारीवलन की रिहाई का जिक्र किया. जो इसी मामले में सजा काट रहा था लेकिन उसको रिहा कर दिया गया था. सुप्रीम कोर्ट ने 18 मई को एजी पेरारीवलन को रिहा करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 142 के तहत अपनी वीटो पॉवर का इस्तेमाल किया था.

अपने परिवार के साथ रहेंगी नलिनी

इससे पहले मामले के छह दोषियों में से एक, नलिनी श्रीहरन ने लंदन में अपनी बेटी के पास जाने और भविष्य में अपने पति और बेटी की देखभाल की इच्छा जताई. उसने केंद्र और राज्य सरकारों और उन सभी का आभार जताया, जिन्होंने उसकी रिहाई का समर्थन किया. श्रीहरन देश में सबसे लंबे समय तक आजीवन कारावास की सजा काट रही महिला कैदी को शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश के बाद शनिवार को वेल्लोर जेल से रिहा कर दिया गया.

केंद्र और राज्य सरकार का शुक्रिया

जेल से बाहर निकलने पर उन्होंने तमिलनाडु के लोगों को धन्यवाद दिया. उन्होंने कहा कि इन लोगों ने 32 साल तक हमारा समर्थन किया. नलिनी ने अपनी भविष्य की योजनाओं के बारे में बात करते हुए कहा कि उनका पूरा परिवार लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं और वह अब उनके साथ रहना चाहती है. उन्होंने कहा, “मैं अपने परिवार के साथ रहना चाहती हूं. मेरे परिवार के सभी सदस्य इतने लंबे समय से इंतजार कर रहे हैं. मैं राज्य और केंद्र सरकार को धन्यवाद देना चाहती हूं. उन्होंने इस दौरान हमारी बहुत मदद की. यह पूछे जाने पर कि क्या वह अपनी रिहाई के बाद गांधी परिवार से किसी से मिलेंगी. नलिनी ने कहा कि वह ऐसा करने की योजना नहीं बना रही हैं. साथ ही यह भी कहा कि वह जहां भी मेरे पति जाएंगे.

अगर ऐसा होता तो मैं जीवन समाप्त कर लेती- नलिनी

वेल्लोर में महिलाओं की विशेष जेल से रिहा होने के बाद 55 वर्षीय नलिनी ने संवाददाताओं से कहा, नहीं तो मैं अपना जीवन समाप्त कर लेती. क्या आपको लगता है कि मैंने पूर्व प्रधानमंत्री की हत्या की है? मेरे ऊपर हत्या के 17 मामले दर्ज किए गए हैं. वेल्लोर की जेल से रिहा होने के तुरंत बाद नलिनी वेल्लोर केंद्रीय जेल गई, जहां से उसके पति वी. श्रीहरन उर्फ मुरुगन को रिहा किया गया. पति से मिलकर नलिनी भावुक हो गई. नलिनी ने वेल्लोर में कहा, इन 32 वर्षों के दौरान जेल में यह एक नारकीय अनुभव था. मेरे इस दृढ़ विश्वास ने मुझे इतने वर्षों तक जीवित रखा कि मैं निर्दोष हूं. बेशक, नियमित रूप से योग करने और इग्नू की कक्षाओं के जरिये मैं जेल में खुद को व्यस्त रख पाती थी.

सीएम ने किया फैसले का स्वागत

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शुक्रवार को पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में नलिनी श्रीहरन सहित छह दोषियों को रिहा करने के सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत किया. स्टालिन ने एक ट्वीट में कहा, “मैं छह लोगों की रिहाई पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले का स्वागत करता हूं. नलिनी श्रीहरन और पांच अन्य पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे थे. उन्हें जेल में अच्छे आचरण के आधार पर सुप्रीम कोर्ट ने रिहा कर दिया था.

21 मई, 1991 को हुई थी पूर्व पीएम राजीव गांधी की हत्या

राजीव गांधी की 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक सार्वजनिक रैली के दौरान लिबरेशन टाइगर्स ऑफ़ तमिल ईलम (LTTE) समूह की एक महिला आत्मघाती हमलावर ने हत्या कर दी थी. सात दोषियों को हत्या में उनकी भूमिका के लिए मौत की सजा सुनाई गई थी. उनमें नलिनी श्रीहरन, आरपी रविचंद्रन, जयकुमार, संथन, मुरुगन, रॉबर्ट पायस और एजी पेरारिवलन शामिल थे. साल 2000 में नलिनी श्रीहरन की सजा को घटाकर उम्रकैद कर दिया गया था. बाद में वर्ष 2014 में, अन्य छह दोषियों की सजा भी कम कर दी गई और उसी वर्ष के दौरान, तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता ने मामले के सभी सात दोषियों की रिहाई की सिफारिश की.

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