प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी आतंक की फंडिंग पर नकेल कसने को लेकर भारत में पहली बार हो रहे विश्व स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन कल शुक्रवार को करेंगे. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) “No Money For Terror (NMFT)” के नाम से इस सम्मेलन का आयोजन कर रही है. NMFT में कई अन्य देश में शामिल हो रहे हैं. दो दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का समापन गृह मंत्री अमित शाह के भाषण के साथ होगा. भारत में इस सम्मेलन का तीसरा संस्करण हो रहा है.
दिल्ली के ताज पैलेस होटल में हो रही इस विश्व स्तरीय सम्मेलन का उद्घाटन प्रधानमंत्री मोदी कल सुबह 11 बजे करेंगे. इससे पहले केंद्रीय गृह मंत्रालय ने विदेश मंत्रालय के सेक्रेटरी वेस्ट और एनआईए के महानिदेशक (डीजी) दिनकर गुप्ता के द्वारा नेशनल मीडिया सेंटर में आज गुरुवार शाम 5 बजे बड़ी प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित करने के लिए कहा है. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में भारत टेरर फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए उठाए गए कदमों के बारे में जानकारी देगा.
अमित शाह शनिवार को समापन भाषण देंगे
इस विश्व स्तरीय सम्मेलन को जहां कल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी संबोधित करेंगे तो वहीं शनिवार को गृह मंत्री अमित शाह समापन समारोह को संबोधित करेंगे. समापन समारोह भी ताज पैलेस होटल में शाम 5 होगा. शाह अलग-अलग देशों से आए प्रतिनिधियों को संबोधित करेंगे.
क्या होगा वैश्विक सम्मेलन का एजेंडा
सम्मेलन में आतंकवाद पर हो रही विदेशी फंडिंग पर लगाम लगाने के लिए उठाए जाने वाले कदमों पर चर्चा होगी. साथ ही विदेशी फंडिंग के रूटों की तलाश में आपसी सहयोग और पारदर्शी तरीके से एजेंसियां जानकारी मुहैया कराए जाने पर चर्चा होगी. विश्व में आतंकी संगठनों के द्वारा मनी लॉन्ड्रिंग के बदलते तरीकों पर सभी एजेंसियां एकजुट होकर जानकारी हासिल करें जिससे मनी लॉन्ड्रिंग के रूट तक पहुंचा जा सके.
आतंकी फंडिंग के लिए क्रिप्टो करेंसी के इस्तेमाल और क्राउडफंडिंग के तरीकों पर लगाम लगाने को लेकर इस सम्मेलन में विश्व की जांच एजेंसियों के बीच चर्चा होगी. साथ ही इंफॉर्मेशन आदान-प्रदान पर जोर रहेगा. यही नहीं एजेंसियां डार्कवेब के जरिए हो रही आतंकी फंडिंग पर भी कड़ी निगरानी रखेंगी जिस पर सभी एजेंसियों के बीच सहमति बनाने को लेकर भारत का जोर रहेगा.
आतंकी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए फंडिंग इकट्ठा करने में जुटे रहते हैं. उस पर लगाम लगाने की रणनीति पर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी.
टेरर फंडिंग को रोके जाने पर होगी चर्चा
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर एक समान वैश्विक कानून के दायरे में हों ताकि फर्जी तरीके से की जा रही टेरर फंडिंग को रोका जा सके और इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर की सही जानकारी देशों के पास रहे जिससे कि वह ऐसे आतंकी फंडिंग करने वाले लोगों के खिलाफ त्वरित कार्रवाई कर सकें.कट्टरवाद और जेहाद को फैलाने वाले आतंकी संगठनों पर समय रहते एक्शन हो इसके लिए भारत का जोर रहेगा कि वह सभी देशों को इस सम्मेलन के माध्यम से एकजुट करें.
इस सम्मेलन में भारत के पड़ोसी देशों में अस्थिर चल रही राजनीतिक परिस्थितियों के बीच आतंकवाद पर भी चर्चा होगी. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक अफगानिस्तान और पाकिस्तान में समय-समय पर जो राजनीतिक उथल-पुथल होती है उसका फायदा आतंकी संगठन उठाते हैं.
आतंकी और खालिस्तानी गतिविधियों का फायदा उठा कर विदेश में बैठे ऐसे लोग जो आतंकी फंडिंग करते हैं, उन पर कड़ी निगरानी रखने को लेकर भी इस कॉन्फ्रेंस में चर्चा होगी. जानकारी के मुताबिक सिख फॉर जस्टिस जैसे खालिस्तानी संगठन कनाडा, अमेरिका, जर्मनी और ब्रिटेन में रहकर भारत के खिलाफ फर्जी प्रोपेगेंडा फैलाते हैं, ऐसे संगठनों के खिलाफ भी नकेल कसने की तैयारी की जा रही है. टेरर फाइनेंसिंग पर लगाम लगाने के लिए निजी भागीदारी का भी सहयोग लेने पर विचार चल रहा है. सम्मेलन में सभी देश फाइनेंशियल इंटेलिजेंस यूनिट (FIU) पर बेहतर तरीके से मजबूत करने की दिशा में चर्चा होगी.