
मेघालय में विभिन्न सामाजिक संगठनों के सदस्यों ने शनिवार को हिंसा के विरोध में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और मुख्यमंत्री कोनराड संगमा समेत अन्य के पुतले फूंके. एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि कुछ प्रदर्शनकारी पोलो हिल्स पहुंचे और यहां मुख्यमंत्री आवास के बाहर पुतले जलाने की कोशिश की. उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों द्वारा धरना-प्रदर्शन नहीं करने देने पर हाइनीवट्रेप यूथ काउंसिल व अन्य सामाजिक संगठनों के सदस्य मुख्यमंत्री आवास के सामने पुलिसकर्मियों से भिड़ गए.
अधिकारी ने कहा कि हालांकि, पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को निकट के स्थान पर विरोध-प्रदर्शन करने की अनुमति दी. मंगलवार तड़के अवैध रूप से काटी गई लकड़ियों से लदे एक ट्रक को असम के वन कर्मियों द्वारा रोके जाने के बाद असम-मेघालय सीमा पर मुकरोह गांव में हिंसा हुई थी, जिसमें एक वन रक्षक समेत छह लोगों की मौत हो गई थी.
#ShillongViolence: Effigies of #AmitShah #ConradSangma #HimantaBiswaSarma burnt outside Meghalaya CM’s residence in Shillong today…
#AssamMeghalayaBorder @AmitShahOffice @himantabiswa @SangmaConrad
(Video-t7) pic.twitter.com/GXTSq0md2W— Neha Singh (@SinNeha19) November 26, 2022
न करें मेघालय की यात्रा
कानून-व्यवस्था की स्थिति को देखते हुए असम पुलिस ने अपने राज्य के लोगों को मेघालय की यात्रा नहीं करने की सलाह दी है. पुलिस के एक अधिकारी ने कहा, हम असम के लोगों से फिलहाल मेघालय की यात्रा नहीं करने को कह रहे हैं. लेकिन अगर किसी को आपात स्थिति के कारण पड़ोसी राज्य जाना पड़ता है, तो हम उसे मेघालय पंजीकृत वाहन में जाने के लिए कह रहे हैं.
मेघालय के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा ठप
वहीं, मेघालय के सात प्रभावित जिलों में इंटरनेट सेवा को ठप कर दिया गया है. मेघालय सरकार ने पश्चिम और पूर्वी जयंतिया हिल्स, ईस्ट खासी हिल्स, री-भोई, ईस्टर्न वेस्ट खासी हिल्स, वेस्ट खासी हिल्स और साउथ वेस्ट खासी हिल्स में मोबाइल इंटरनेट सेवाओं पर रोक लगा दी है. पुलिस ने कहा कि यहां कानून-व्यवस्था की स्थिति हालांकि धीरे-धीरे सामान्य हो रही है. शिलॉन्ग में दुकानें और व्यावसायिक प्रतिष्ठान खुल रहे हैं और सड़कों पर यातायात दिखाई दे रहा है.
पुलिस के एक अधिकारी ने कहा कि मेघालय की राजधानी में कोई बड़ी घटना नहीं हुई. पश्चिमी जयंतिया हिल्स जिले में सिर्फ कुछ उपद्रवियों ने सड़क पर टायर जलाएं. सुरक्षा बलों की भारी तैनाती के बीच हालांकि विवादित क्षेत्र में सीआरपीसी की धारा 144 के तहत निषेधाज्ञा लागू रही. (भाषा से इनपुट)