![Bypolls In Three States](https://images.tv9hindi.com/wp-content/uploads/2022/10/Bypolls-in-three-states-1024x576.jpg)
तेलंगाना के नलगोंडा जिले के मुनूगोड़े विधानसभा सीट पर हुए उपचुनाव में रविवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच मतगणना शुरू हो गई. आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि नलगोंडा में काउंटिंग रूम में थ्री लेयर सिक्योरिटी सिस्टम की व्यवस्था की गई थी. मतगणना प्रक्रिया सुबह आठ बजे शुरू हुई, जिसमें सबसे पहले बैलेट पेपर की गिनती हुई, उसके बाद सुबह साढ़े आठ बजे इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (इवीएम) के मतों की गिनती शुरू हुई. पहले राउंड में टीएमसी प्रत्यासी कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी आगे चल रहे थे लेकिन दूसरे राउंड से बीजेपी ने यहां बढ़त बना ली थी. मतगणना 15 चरण में पूरी की जाएगी. तीन नवंबर को हुए उपचुनाव में 93 फीसदी से ज्यादा मतदान हुआ था.
अगस्त में कांग्रेस विधायक कोमातीरेड्डी राज गोपाल रेड्डी के पार्टी से इस्तीफा देकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने के कारण उपचुनाव कराना पड़ा. इस उपचुनाव में 47 उम्मीदवार चुनाव मैदान में हैं, हालांकि मुख्य मुकाबला राज गोपाल रेड्डी (भाजपा), तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस) के पूर्व विधायक कुसुकुंतला प्रभाकर रेड्डी और कांग्रेस की पलवई श्रावंती के बीच माना जा रहा है.
राजनीतिक रूप से काफी अहम है तेलंगाना चुनाव
तेलंगाना में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनावों से पहले इस उपचुनाव को राजनीतिक रूप से काफी अहम माना जा रहा है क्योंकि इसके विजेता दल का अगले साल विधानसभा चुनाव में पलड़ा भारी रह सकता है. तेलंगाना राष्ट्र समिति (टीआरएस), जिसे हाल में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के रूप में नामित किया गया है, का उद्देश्य राज्य की राजनीति में अपना प्रभुत्व दिखाना है और यहां बड़ी जीत के साथ राष्ट्रीय स्तर पर जाना है. इस बीच, भाजपा को मुनूगोड़े में जीत के साथ टीआरएस के विकल्प के रूप में उभरने की अपनी योजनाओं को आगे बढ़ाने की उम्मीद है.
कांग्रेस के लिए होगी दोहरी हार
पिछले दो वर्षों के दौरान दुबक और हुजुराबाद विधानसभा उपचुनावों और ग्रेटर हैदराबाद नगर निगम (जीएचएमसी) चुनाव में अपनी जीत के बाद भाजपा का मनोबल ऊंचा है. संकट से जूझ रही कांग्रेस के लिए 2014 और 2018 के विधानसभा चुनावों और उसके बाद के उपचुनावों में उसके खराब प्रदर्शन को देखते हुए यह लगभग करो या मरो की लड़ाई है. अगर कांग्रेस हार जाती है, तो यह पार्टी के लिए दोहरी मार होगी क्योंकि मुनूगोड़े में उसका विधायक था.
(भाषा इनपुट के साथ)