महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के अध्यक्ष राज ठाकरे ने रविवार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर निशाना साधा. वीर सावरकर पर की गई टिप्पणी को लेकर ठाकरे ने राहुल गांधी को ‘बेवकूफ’ कहा. राज्य में एक रैली को संबोधित करते हुए ठाकरे ने कांग्रेस नेता पर जोरदार हमला बोला. इस दौरान उन्होंने कहा, ‘यू इडियट. सावरकर पर बोलने के लिए आपकी क्या हैसियत है, जो इतने दिन जेल में बंद रहे और इतने दर्द से गुजरे थे?’ ठाकरे ने कहा कि सावरकर ने जो किया, वह उनकी ‘रणनीति’ का हिस्सा था.
मनसे प्रमुख ठाकरे ने कांग्रेस और बीजेपी दोनों पार्टियों से कहा कि वे वीडी सावरकर और जवाहरलाल नेहरू जैसी राष्ट्रीय शख्सियतों को बदनाम करना बंद करें और इसके बजाय देश के सामने पेश अहम मुद्दों पर ध्यान केंद्रित करें. उन्होंने कहा कि देश की स्वतंत्रता के लिए लड़ने वाले राष्ट्रीय नायकों की आलोचना करना अनुचित है क्योंकि सभी के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं.
राष्ट्रीय नायकों की आलोचना करना बंद करें
मनसे प्रमुख ने कहा, ‘भाजपा पंडित जवाहरलाल नेहरू को बदनाम कर रही है और यह बंद होना चाहिए. देश के सामने कई महत्वपूर्ण मुद्दे हैं जिन पर ध्यान दिया जाना चाहिए. आजादी की लड़ाई लड़ने वाले राष्ट्रीय नायकों की आलोचना करने से आपको कोई लाभ नहीं होगा. हर किसी के सकारात्मक और नकारात्मक पहलू होते हैं. अब नकारात्मक पक्ष को उजागर करने की जरूरत नहीं है.’ इसके साथ ही उन्होंने राहुल गांधी को बीएमसी चुनावों के लिए तैयार होने की भी सलाह दी।
रणनीति नाम की भी कोई चीज होती है
मनसे प्रमुख ने कहा, ‘रणनीति नाम की कोई चीज होती है. यहां तक कि ‘कृष्ण नीति’ भी कहती है कि ‘सर सलामत तो पगड़ी पचास’. शिवाजी महाराज ने अपने पास रखे किले भी मिर्जा राजे को दे दिए. वे गिफ्ट नहीं बल्कि एक रणनीति थी.’ उन्होंने कहा कि अतीत के नेताओं और दिग्गजों से लड़ने का कोई मतलब नहीं है.
राहुल ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने यह दावा करके एक विवाद खड़ा कर दिया था कि सावरकर ने अंग्रेजों से दया के लिए अंडमान सेलुलर जेल से उन्हें याचिकाएं भेजी थी. उन्होंने अंग्रेजों से माफी की भीग मांगी. सावरकर ने अंग्रेजों को लिखा, ‘सर, मैं आपका सबसे आज्ञाकारी सेवक बना रहना चाहता हूं’. इसके बाद उन्होंने डर के मारे इस पत्र पर हस्ताक्षर कर दिए. इसी के साथ उन्होंने महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और सरदार पटेल जैसे नेताओं के साथ विश्वासघात किया. राहुल ने कहा कि वह अंग्रेजों से पेंशन लेते थे, उनके लिए काम करते थे और कांग्रेस के खिलाफ काम करते थे.
कोश्यारी ‘मराठी विरोधी’
ठाकरे ने छत्रपति शिवाजी के बारे में टिप्पणी करने पर महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की भी आलोचना की और उन पर ‘मराठी विरोधी’ होने का आरोप लगाया. इस बीच, कांग्रेस ने ठाकरे पर पलटवार करते हुए कहा कि लोगों का उन पर से विश्वास उठ गया है क्योंकि वह अपना राजनीतिक रुख बदलते रहते हैं. मुंबई कांग्रेस के अध्यक्ष भाई जगताप ने कहा, ‘ठाकरे को राहुल गांधी की आलोचना करने का कोई अधिकार नहीं है. मनसे राजनीतिक दल के रूप में समाप्त हो गई है.’ (भाषा से इनपुट के साथ)