सरकार ने बुधवार को राज्यसभा में दावा किया कि उसने 2014 से देश में लंबित सड़क परियोजनाओं को पूरा करने में मदद करके भारतीय बैंकों को 3 लाख करोड़ रुपये के एनपीए से बचाया है. सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने राज्यसभा को बताया कि 415 सड़क परियोजनाएं ऐसी हैं जहां 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है लेकिन उन्हें विलंबित परियोजनाओं की श्रेणी में रखा गया है.
उन्होंने कहा कि सरकार जल्द ही ऐसी सभी लंबित या विलंबित परियोजनाओं की राज्यवार निगरानी करेगी और उन्हें जल्द से जल्द पूरा करने में मदद करेगी.
उन्होंने प्रश्नकाल के दौरान सदन को बताया, “ऐसी 415 परियोजनाएं हैं जहां 95 प्रतिशत काम पूरा हो गया है और उन्हें विलंबित परियोजनाएं कहा जाता है. जब हमारी सरकार 2014 में आई थी, तब 3.85 लाख रुपए की परियोजनाएं थीं, जो विभिन्न कारणों से बंद थीं.” .
मंत्री इस सवाल का जवाब दे रहे थे कि क्या सरकार के पास देश में विलंबित या रुकी हुई सड़क परियोजनाओं को फिर से शुरू करने की कोई योजना है और क्या इन परियोजनाओं में देरी के कारणों का पता लगाने के बाद आगे की कार्य योजना तैयार की जा रही है?
बैंक को 3 लाख करोड़ एनपीए से बचाया
नितिन गडकरी ने दावा किया कि सरकार बनने के बाद बैंकरों से बात की और भूमि अधिग्रहण जैसे मुद्दों सहित विभिन्न बाधाओं को दूर किया और राज्य सरकारों के साथ समन्वय किया. उन्होंने सदस्यों से कहा, “हमने इंडियन बैंक को 3 लाख करोड़ एनपीए से बचाया है.”
परिवहन मंत्री ने यह भी कहा कि कोविड के दौरान कुछ परियोजनाओं को काम एक्सटेंशन दिया गया और ऐसी परियोजनाएं भी विलंबित परियोजनाओं के तहत आ गई हैं.
मंत्री ने सदन को बताया, “ठेकेदारों या हमारे नियंत्रण से बाहर अन्य मुद्दों सहित विभिन्न कारणों से परियोजनाओं में देरी हुई है. हम तीन महीने के भीतर उन सभी परियोजनाओं की राज्यवार निगरानी करेंगे जो अधूरी हैं और देरी से चल रही हैं.”
अपने लिखित जवाब में, नितिन गडकरी ने कहा, “सरकार लगातार स्वीकृत परियोजनाओं की निगरानी करती है और इस कवायद के तहत विभिन्न राज्यों में 719 विलंबित राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं की पहचान की गई है.