कड़ी प्रतिस्पर्धा में बने रहने और अपने पुराने गौरव को वापस पाने के लिए एयर इंडिया सभी मोर्चों पर व्यापक बदलावों के दौर से गुजर रही है. 1932 में दूरदर्शी उद्योगपति जेआरडी टाटा द्वारा स्थापित एयर इंडिया का 60 के दशक में अपना ही ग्लैमर था. फैशनेबल कपड़े, हेमीज और डायर के बैग के साथ एयर होस्टस का उस समय अपना ही जलवा था. उस विरासत को ध्यान में रखते हुए एयर इंडिया, जो अब टाटा समूह का एक हिस्सा है, खुद को विश्वसनीय के रूप में स्थापित करने की पूरी कोशिश कर रही है और युवा ग्राहकों को लुभाने के लिए सभी तरह के प्रयास कर रही है.
एक समय इस एयरलाइन ने चलता है का रवैया अपना लिया था लेकिन अब इसमें कई तरह के सुधार किए जा रहे हैं. इसके लिए कंपनी ने दिशा-निर्देशों का एक कड़ा सेट जारी किया है. हालांकि, कुछ निर्देशों को सोशल मीडिया पर पसंद भी नहीं किया जा रहा है. कुछ कड़े दिशा-निर्देशों में बिंदी का आकार, पुरुष दल के सदस्यों की हेयर स्टाइल, फाउंडेशन का अनिवार्य उपयोग वगैरह शामिल हैं.
News9 ने फैशन, ब्यूटी और हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री के विभिन्न लोगों से इस पर बात की. कई लोगों ने इसे सही माना है. वरिष्ठ फैशन पत्रकार प्रिया राणा कहती हैं, “नए नियम थोड़े कड़े प्रतीत होते हैं. लेकिन जब कोई एयरलाइन रीब्रांडिंग के दौर से गुजर रही हो तो अल्ट्रा-प्रोफेशनल दिखना महत्वपूर्ण है.”
‘बाद में पश्चिमी एयरलाइंस कंपनियों की तरह ढील दी जाएगी’
हालांकि, राणा का मानना है कि बाद में ऐसे सख्त कोडों में पश्चिमी एयरलाइंस कंपनियों की तरह ढील दी जाएगी. वह कहती हैं, “उदाहरण के लिए, पहले चालक दल के लिए टैटू पर प्रतिबंध लगा दिया गया था, लेकिन बदलते समय के साथ कुछ एयरलाइंस ने अपने नियमों में ढील दी है.” मॉडल और स्कूल प्रिंसिपल जेसिका गोम्स सुराना को लगता है कि शुरुआती चरणों में किसी ब्रांड को युवा और गतिशील नजर आना चाहिए. इसलिए, उन्हें लगता है कि ये नियम ब्रांड में ताजगी का संचार करेंगे. बालों के रंग की बहस पर टिप्पणी करते हुए सुराना कहती हैं, “भूरे बाल किसी को भी बूढ़ा दिखाते हैं, और सुधार के इस चरण में एयर इंडिया एक उम्रदराज एयरलाइन की तरह दिखने का जोखिम नहीं उठा सकती.”
स्निग्धा हाजरा, जो इंस्टीट्यूट ऑफ होटल मैनेजमेंट, कोलकाता की पूर्व छात्रा हैं, ने कई वर्षों तक ताज होटलों में काम किया है, वह बताती हैं कि ऐसे संस्थानों में मेकअप करना, साड़ी पहनना, बालों में कंघी करना और इस तरह के कई दूसरे व्यवहार सिखाए जाते हैं. एयरलाइन इंडस्ट्री के एक कर्मचारी का कहना है, ”जिस तरह से आप कपड़े पहनते हैं वह हॉस्पिटैलिटी इंडस्ट्री का एक अभिन्न हिस्सा है, खासकर होटल और एयरलाइन क्षेत्र में.”
डेल्टा एयरलाइंस की पूर्व ग्रूमिंग कोऑर्डिनेटर रितु हांडा कहती हैं, “कठोर और व्यापक ड्रेस कोड हमेशा एयरलाइनों का हिस्सा रहे हैं. इसमें कोई नई बात नहीं है. अंतर्राष्ट्रीय एयरलाइंस हमेशा इन दिशानिर्देशों के मामले में सख्त रही हैं. हमारी भारतीय एयरलाइंस कंपनियों, जैसे इंडिगो, में कर्मचारी एक जैसे और स्मार्ट दिखते हैं.”
एयर इंडिया को अपने लुक और फील को बेहतर बनाने की जरूरत
मेकअप आर्टिस्ट चांदनी सिंह कहती हैं, “मैं समझती हूं कि कैसे महिलाओं को हर दिन मेकअप करना बोझिल लगता है. हालांकि, मुझे लगता है कि एयर इंडिया को अपने लुक और फील को बेहतर बनाने की जरूरत है, जिस तरह से फ्लाइट अटेंडेंट दिखते हैं और कपड़े पहनते हैं उससे बहुत कुछ हासिल किया जा सकता है. इसलिए मेकअप और हेयरस्टाइल अहम पहलू हैं.”
हाजरा कहती हैं, “यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि मैं कंपनी का प्रतिनिधित्व करती हूं. मेरी पहचान कंपनी से होनी चाहिए. सबसे अहम बात यह है कि किसी भी यूनिफॉर्म को सम्मान किया जाना चाहिए.”