केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू ने सोमवार को कहा कि केंद्र अदालतों में लंबित मामलों को सुलझाने में न्यायपालिका को पूरा सहयोग दे रहा है. मंत्री ने बताया कि देशभर की विभिन्न अदालतों में पांच करोड़ से अधिक मामले लंबित हैं. किरण रिजिजू यहां हरियाणा के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय परिसर में भारतीय अधिवक्ता परिषद के तीन दिवसीय 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने कहा कि सरकार ने कोविड-19 महामारी के दौरान भी अदालतों को अच्छी तरह से सुसज्जित करने के लिए कदम उठाए ताकि इस अवधि के दौरान अदालतें काम कर सकें.
रिजिजू ने कहा कि कई नेता और मीडियाकर्मी लगातार यह बात फैला रहे हैं कि केंद्र और न्यायपालिका के बीच किसी तरह का तनाव है और कई बार अखबार दावा करते हैं कि सरकार न्यायपालिका के अधिकार पर कब्जा करने की कोशिश कर रही है.
सरकार नहीं लोगों के प्रति प्रतिबद्ध
उन्होंने कहा कि जब से नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री का पद संभाला है, तब से जहां देश चलाने की बात आती है तो संविधान को एक पवित्र पुस्तक माना जाता है. उन्होंने कहा कि न्यायाधीशों को लोगों के प्रति प्रतिबद्ध होना चाहिए न कि सरकार के प्रति.
न्याय देने में सक्षम नहीं
दरअसल, केंद्रीय कानून मंत्री किरण रिजिजू हरियाणा में अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के 16वें राष्ट्रीय सम्मेलन में शिरकत करने पहुंचे थे. यहां उन्होंने संबोधित करते हुए कहा कि अदालतों में इतने सारे केस पेंडिंग हैं. कुछ वकील तारीख ही मांगते रहते हैं और कुछ ऐसे हैं जो उन्हें तारीख दे भी देते हैं. इसलिए, न्याय देने के लिए जिम्मेदार लोग न्याय देने में सक्षम नहीं हैं.
16वां राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन
अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद हरियाणा के कुरुक्षेत्र के कुरुक्षेत्र विश्वविद्यालय में 26 से 28 दिसंबर तक अपना 16वां राष्ट्रीय सम्मेलन आयोजित कर रही है, जिसकी थीम 75 साल के पुनरुत्थान भारत-कानून और न्याय की बदलती रूपरेखा है. सम्मेलन में कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक भारत के 500 से अधिक जिलों के लगभग 5000 वकील भाग लेंगे.