पंजाब के तरन तारन में हुए 2019 ब्लास्ट के मामले में आरोपी बिक्रमजीत सिंह को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने उसे दिल्ली एयरपोर्ट से नेशनल इनवेस्टीगेशन एजेंसी (एनआईए) की टीम ने गिरफ्तार किया है. इसे यहां पर अस्ट्रिया से प्रत्यर्पण के बाद पकड़ा गया है. इस बात की जानकारी एनआईए के प्रवक्ता ने दी है. प्रवक्ता ने बताया कि बिक्रम जीत सिंह उर्फ बिक्कर पंजवार जिसे बिक्कर बाबा के नाम से भी जाना जाता है, को इंटरपोल के कॉर्डिनेशन की वजह से लिंज ऑस्ट्रिया ने भारत के लिए प्रत्यतर्पित किया था. इस प्रोसेस के पूरे होने के बाद उसे गिरफ्तार किया गया है.
बिक्रमजीत पर आरोप है कि उसने अपने करीबियों के साथ मिलकर एक आतंकी संगठन बनाया था. इस संगठन को बनाने के पीछे उसकी वजह थी कि वह राज्य में अन्य जगहों पर भी बड़े हमलों को अंजाम दे सके. एनआईए ने इंटरपोल की मदद से बिक्रमजीत को भारत लाने के लिए एक स्पेशल टीम भी भेजी थी. एनआईए ने बिक्रमजीत के खिलाफ एक गैर जमानती वारंट जारी किया था. एनआईए स्पेशल कोर्ट ने मोहाली में आरोपी के खिलाफ रेड नोटिस भी जारी किया था.
बिक्रमजीत को लिंज में 22 मार्च 2021 को हिरासत में लिया दया. लिंज के एक स्थानीय कोर्ट ने बिक्रम जीत को लीगल प्रोसिडिंग्स कंपलीट होने के बाद भारत के लिए प्रत्यर्पित किया गया. एनआईए को जांच में पता चला है कि बिक्रम जीत इस मामले में मुख्य आरोपियों में से एक तो है ही साथ ही उसने फेब्रिकेटेड इम्प्रोवाइज्ड एक्सप्लोसिव डिवाइसेज (IED) की ट्रेनिंग भी दूसरे आतंकियों को दी थी. कई रैलियों और जुलूसों में वह बमों को ले गया था और दूसरे सदस्यों को सरकार की एजेंसीज पर जहां ज्यादा से ज्यादा से जनता हो अटैक करने के लिए भी उकसाया है. बिक्रमजीत मुख्य साजिशकर्ता था जिसमें डेरा मुरादपुरा को टारगेट किया गया था.
एजेंसी ने इस मामले में 9 खारिस्तानी समर्थकों के खिलाफ चार्जशीट दायर की है. इन पर 2019 में तरन तारण बम ब्लास्ट का आरोप है. इस ब्लास्ट में 2 लोगों की मौत हो गई थी जो कि आतंकी हमले की साजिश में शामिल थे. इस चार्जशीट में बिक्रमजीत सिंह, मासा सिंह, हरजीत सिंह, गुरजंत सिंह और मनप्रीत सिंह के नाम शामिल हैं.