राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा में शामिल हुए भारतीय रिजर्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि देश में अगली क्रांति सेवा क्षेत्र में हो सकती है. उन्होंने यह भी कहा कि देश में स्थिरता, उत्सर्जन में एक नई तरह की हरित क्रांति भी हो रही है और भारत जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए पवन चक्कियां बनाने, इमारतों को हरा-भरा बनाने में सबसे आगे हो सकता है. रघुराम राजन राहुल गांधी से बातचीत कर रहे थे. राहुल गांधी की बातचीत का एक वीडियो सोशल मीडिया पर अपलोड किया गया था.
राजन के साथ बातचीत में गांधी ने भारत, अमेरिका और अन्य देशों में मौजूदा आर्थिक परिस्थितियों, छोटे उद्योगों के सामने चुनौतियों, आर्थिक असमानता के बारे में उनके विचार पूछे. देश में चार-पांच उद्योगपति अमीर हो रहे हैं, बाकी देश के लोग पीछे हैं और उद्योगपतियों के एक समूह का एक अलग ‘हिंदुस्तान’ है, जबकि किसानों और अन्य लोगों का एक और ‘हिंदुस्तान’ है, गांधी की इस बात पर कि राजन ने कहा कि यह एक बड़ी समस्या है लेकिन यह पूंजीपतियों के बारे में नहीं है.
उन्होंने कहा कि उच्च मध्य वर्ग की आय इसलिए बढ़ी क्योंकि वे महामारी के दौरान घर से काम कर सकते थे लेकिन कारखानों में काम करने वालों की कमाई कम हो गई क्योंकि वे कमा नहीं पाए. उन्होंने कहा, यह विभाजन महामारी में बढ़ गया. अमीरों को कोई परेशानी नहीं थी, निम्न वर्ग को राशन और अन्य चीजें मिलीं लेकिन निम्न मध्यम वर्ग को बड़ा नुकसान हुआ. नौकरियां नहीं थीं, बेरोजगारी बढ़ी.
सेवा निर्यात हमें निर्यात में महाशक्ति बना देगा- रघुराम राजन
उन्होंने सुझाव दिया कि इस तबके के बारे में विचार करते हुए नीति बनानी चाहिए. गांधी ने कहा कि आजादी के बाद हरित क्रांति हुई, उसके बाद श्वेत क्रांति हुई और फिर कंप्यूटर क्रांति हुई तो अगली क्रांति क्या हो सकती है. इसका जवाब देते हुए राजन ने कहा कि सेवा क्षेत्र की क्रांति अगली क्रांति हो सकती है. उन्होंने कहा, ‘हम अमेरिका गए बिना यहां से अमेरिका के लिए काम कर सकते हैं… जैसे डॉक्टर अमेरिका को टेलीमेडिसिन सेवाएं प्रदान कर सकते हैं और बहुत सारी विदेशी मुद्रा अर्जित कर सकते हैं. हमारा सेवा निर्यात हमें निर्यात में महाशक्ति बना देगा.’
दूसरी उन्होंने कहा एक नई तरह की हरित क्रांति है. राघुराम राजन ने कहा, ‘अगर हम उस पर जोर देते हैं, तो हम पवन चक्कियों के निर्माण में सबसे आगे हो सकते हैं और अपनी इमारत को हरा-भरा बना सकते हैं. जलवायु परिवर्तन से सबसे ज्यादा नुकसान दक्षिण एशिया में होगा. आप पहले ही बांग्लादेश और पाकिस्तान को पीड़ित देख चुके हैं. भारत भी पीछे नहीं है. हम एक ही क्षेत्र पर कब्जा करते हैं. इसलिए हमें बहुत मेहनत करनी होगी.’
दुनिया में विकास धीमा होने जा रहा है- रघुराम राजन
उन्होंने कहा, ‘हम पवनचक्की, सौर ऊर्जा बना सकते हैं, इसकी भारी मांग है. लेकिन हम नवोन्मेष भी कर सकते हैं और मुझे लगता है कि इसमें काफी संभावनाएं हैं, हमें भविष्योन्मुखी सोच रखनी चाहिए.’ भारत की आर्थिक स्थिति पर उन्होंने कहा कि अगला साल मौजूदा साल की तरह मुश्किल भरा रहने वाला है. उन्होंने कहा कि दुनिया में विकास धीमा होने जा रहा है और भारत पर भी इसकी मार पड़ने वाली है. उन्होंने कहा, ‘निर्यात थोड़ा धीमा हो रहा है. भारत की मुद्रास्फीति की समस्या भी विकास के लिए नकारात्मक होने जा रही है.’
उन्होंने कहा कि महामारी समस्या का हिस्सा थी और महामारी से पहले अर्थव्यवस्था धीमी हो रही थी. उन्होंने कहा ‘हमने वास्तव में ऐसे सुधार नहीं किए हैं जो विकास उत्पन्न करेंगे.’ रघुराम राजन ने कहा कि बेरोजगारी एक बड़ी समस्या है और निजी क्षेत्र को आगे बढ़ाना होगा क्योंकि सभी को सरकारी नौकरी नहीं मिल सकती. उन्होंने कहा कि अगर तकनीकी हस्तक्षेप बढ़ाया जाए तो कृषि क्षेत्र में नौकरियां सृजित की जा सकती हैं.
पूर्व आरबीआई गवर्नर ने की ‘भारत जोड़ो यात्रा’
उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि छोटे और मध्यम स्तर के उद्योगों को बड़ा होने के लिए एक अनुकूल वातावरण और कारकों की आवश्यकता है. शेयर बाजार के बारे में कम जानकारी वाले लोगों द्वारा निवेश पर राजन ने कहा कि उपभोक्ता संरक्षण होना चाहिए ताकि वे अपने अधिकारों को जान सकें. उन्होंने राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा की सराहना करते हुए कहा कि ‘भारत को जोड़ना है’. गांधी ने कहा कि जब दुनिया में हर तरफ नफरत हो तो भारत रास्ता दिखा सकता है. उन्होंने कहा ‘यह हमारी संस्कृति, इतिहास और ताकत है.’
(भाषा की रिपोर्ट)