
राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा के बीच कांग्रेस ने 2024 में लोकसभा चुनावों के लिए कमर कस ली है. कांग्रेस का मानना है कि इस बीजेपी की हार सुनिश्चित है. इसी कड़ी में एक रिपोर्ट के मुताबिक कांग्रेस इस बार एससी समुदाय के मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करेगी. ऐसा माना जा रहा है कि अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति की सीटों का घटना ही कांग्रेस के खराब चुनावी प्रदर्शन का जिम्मेदार है. इसीलिए कांग्रेस ने 2019 लोकसभा चुनावों में हारने वाले 121 में से 56 आरक्षित संसदीय क्षेत्रों को चुना है ताकि 2024 में इन सीटों पर विजय पताका फहरा सके.
‘नेतृत्व विकास मिशन’ के तहत कांग्रेस अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति, अन्य पिछड़ा वर्ग और अल्पसंख्यकों के बीच विधानसभा-वार उन व्यक्तियों की पहचान करना चाहती है, जिनके पास पार्टी की मदद करने के लिए कौशल और समर्थन का आधार है.
कांग्रेस की 56 सीटों पर नजर
दरअसल कांग्रेस की तरफ से चिन्हित 56 में से 28 एससी सीटें 12 राज्यों में फैली हुई हैं, वहीं 28 एसटी सीटें भी 12 राज्यों में फैली हुई हैं, हालांकि ये अलग-अलग राज्यों में हैं. ये ऐसे क्षेत्र हैं जहां 2009 के चुनावों में कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही थी. रणनीतिकारों का मानना है कि यहां कांग्रेस अच्छा प्रदर्शन कर सकती है. एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि संसाधनों को पूरे देश में फैलाने के बजाय यहां ध्यान देना बेहतर है.
समर्थन जुटाने में सक्षम व्यक्तियों की पहचान
ये मिशन ‘संसद-सीट प्रभारी’ की एक समर्पित संरचना का निर्माण करेगा जो प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में ‘समन्वयकों’ के माध्यम से काम करेगा. उनका काम दलितों, आदिवासियों, पिछड़ों और अल्पसंख्यकों के बीच समर्थन जुटाने में सक्षम व्यक्तियों की पहचान करना होगा. सूत्रों ने कहा कि इन लोगों को सहानुभूति रखने वाले मतदाताओं की सूची और उम्मीदवार को अभियान योजना सौंपने की स्थिति में होना चाहिए, जिसके पास हर घर तक पहुंचने के लिए बमुश्किल एक महीना होता है.
पढ़ाया जाएगा नेतृत्व का पाठ
उनके कौशल को विकसित करने में मदद करने के लिए, कांग्रेस प्रभारी और समन्वयकों को क्षेत्र में अपना काम शुरू करने से पहले नेतृत्व का पाठ पढ़ाया जाएगा. 2014 और 2019 के चुनावों में लोकसभा में कांग्रेस की हिस्सेदारी तेजी से गिरने के साथ, पार्टी प्रबंधकों ने निष्कर्ष निकाला है कि निराशाजनक प्रदर्शन सीधे आरक्षित सीटों में पार्टी के पतन से जुड़ा हुआ है, जो इसका गढ़ हुआ करता था. सूत्रों ने कहा कि नेतृत्व मिशन के प्रमुख राहुल गांधी के सहयोगी और संगठन के प्रभारी एआईसीसी महासचिव के सी वेणुगोपाल सभी संबंधित राज्य इकाइयों के साथ मिशन के विवरण और दिशानिर्देशों को साझा करने की संभावना है.
इन राज्यों की सीटों पर खास नजर
अनुसूचित जाति की सीटों में, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और राजस्थान में चार-चार निर्वाचन क्षेत्र हैं, जबकि तेलंगाना में तीन और बिहार, गुजरात और हरियाणा में दो-दो निर्वाचन क्षेत्र हैं. एसटी आरक्षित सीटों में एमपी में छह, गुजरात में चार, छत्तीसगढ़ और राजस्थान में तीन-तीन, झारखंड, महाराष्ट्र, कर्नाटक और तेलंगाना में दो-दो सीटें हैं.
राज्यों के चुनाव पर भी नजर
इसके अलावा, कांग्रेस ने पांच राज्यों – त्रिपुरा, कर्नाटक, राजस्थान, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश – में 243 एससी और एसटी सीटों की भी पहचान की है, जहां 2023 में चुनाव होंगे. चुनाव में बहुत कम समय बचा है, इसलिए पार्टी ने समन्वयकों के लिए “नेतृत्व मिशन” प्रशिक्षण शुरू कर दिया है. मिशन जल्द ही लॉन्च किया जाएगा. सूत्रों ने कहा कि वेणुगोपाल ने संबंधित राज्यों के साथ मिशन के दिशा-निर्देशों को साझा करना शुरू कर दिया है.