केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को कहा कि केंद्र सरकार का प्रयास है कि 2024 के आम चुनाव से पहले देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाए. छत्तीसगढ़ के कोरबा शहर में एक रैली को संबोधित करते हुए उन्होंने ये बात कही. इस दौरान शाह ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल नीत राज्य की कांग्रेस सरकार पर निशाना साधा.उन्होंने आरोप लगाया कि इसकी एकमात्र प्रगति भ्रष्टाचार में वृद्धि, अपराध की घटनाओं में बढ़ोतरी और आदिवासी क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर वनों की कटाई है.
शाह ने इस साल के अंत में होने वाले छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनावों के लिए भाजपा कार्यकर्ताओं को प्रोत्साहित किया और सभा में मौजूद लोगों से आग्रह किया कि अगर वे 2024 में एक बार फिर नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री के रूप में देखना चाहते हैं तो भाजपा को वोट दें.
नक्सली घटनाओं में आई कमी
केंद्रीय गृह मंत्री ने 2014 के बाद से मोदी सरकार की उपलब्धियों के बारे में बात करते हुए कहा, ‘केंद्र में 2014 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारतीय जनता पार्टी की सरकार बनने से बाद से नक्सली घटनाओं में कमी आई है. हम नक्सल प्रभावित क्षेत्रों को नक्सलवाद से मुक्त कराने की कगार तक पहुंच गए हैं. देश में 2009 (संप्रग सरकार का जिक्र करते हुए) में नक्सलवाद की 2,258 घटनाएं होती थी जो 2021 में घटकर 509 रह गई हैं.’
उन्होंने कहा, ‘2024 में चुनाव से पहले हमारा प्रयास रहेगा कि देश नक्सलवाद से मुक्त हो जाए.’ उन्होंने कहा, ‘जिस क्षेत्र में युवा हथियार उठाते थे वहां रोजगार के साधन बढ़ाए गए. वहां टेलीफोन लाइन दी गई, वहां स्कूलें दी गई, सड़के दी गई. और जिनके हाथ में हथियार थे उनका सख़्ती से मुकाबला कर उन्हें समाप्त करने का काम भाजपा ने किया.’
भूपेश बघेल सरकार पर साधा निशाना
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए शाह ने कहा, ‘हमारे पास विकास के कामों लंबी सूची है. मैं भूपेश बघेल से पूछना चाहता हूं कि जब 2023 में चुनाव में जाएंगे और लोग उनसे पूछेंगे कि आपने क्या काम किया… ऐसा नहीं कि उन्होंने कुछ नहीं किया. उन्होंने भ्रष्टाचार करने का काम किया. राज्य में बलात्कार और अपराध की घटनाओं को बढ़ाने का काम किया और आदिवासियों के जंगलों को काट कर साफ करने का काम किया है.’ शाह ने इस दौरान बघेल सरकार पर जिला खनिज फाउंडेशन (डीएमएफ) फंड में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया.
अन्य पिछड़ा वर्ग को भी लुभाने की कोशिश
शाह ने अपने भाषण में अन्य पिछड़ा वर्ग को भी लुभाने की कोशिश की. राज्य में ओबीसी की आबादी लगभग 52 प्रतिशत है. उन्होंने दावा किया कि कांग्रेस ने पिछड़े वर्गों के लिए कुछ नहीं किया, लेकिन मोदी सरकार ने ओबीसी आयोग का गठन किया और उनके लिए संवैधानिक अधिकार सुनिश्चित किया. उन्होंने कहा, मोदी सरकार ने नीट परीक्षा में ओबीसी को आरक्षण प्रदान किया. केंद्र सरकार ने केंद्रीय विद्यालयों, सैनिक स्कूलों और नवोदय विद्यालयों में प्रवेश में ओबीसी को 27 प्रतिशत कोटा प्रदान किया. ओबीसी से संबंधित व्यवसायियों के लिए वेंचर कैपिटल फंड बनाया गया. (इनपुट-भाषा)